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छत्तीसगढ़रायपुर जिला

रायपुर में डिफॉल्डर की संपत्ति कुर्क, एडवोकेट कमिश्नर ने की कार्रवाई

रायपुर। वसूली अधिकरण जबलपुर के रिकवरी ऑफिसर प्रिती देशाई के आदेश पर नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर महेश कुमार पाण्डेय द्वारा आई. डी. बी. आई. बैंक, सिविल लाईन शाखा के एनपीए खाता मेसर्स रौनक हेचरिज एवं अन्य (प्रो. रमनदिप सिंह साहनी) जमानतदार दलजीत सिंह साहनी के स्वामित्व की खसरा क्रमांक 628/2 कृषि भूमि, रकबा 0.405 हेक्टेयर, ग्राम- भिंमभौरी, पहन. -15, तहसील – तिल्दा, जिला – रायपुर एवं खसरा क्रमांक 46/4 (0.202 हेक्टेयर) एवं 47/3 (0.142 हेक्टेयर) कुल परिवर्तित भूमि 37027 वर्गफुट, ग्राम – भिंमभौरी, तहसील – तिल्दा, जिला – रायपुर (छ.ग.) स्थित बंधक अचल सम्पत्ति को दिनांक 10.04.2024 को कुर्क किया गया। कुर्की प्रक्रिया के दौरान अचल सम्पत्ति पर कुर्की वारंट चस्पा कर मुनादी करायी गई। कुर्की प्रक्रिया के दौरान स्थल पर आई. डी. बी. आई. बैंक के उप महा प्रबन्धक सुभ्रांशु शेखर शाहु, पटवारी राजेन्द्र मारकाण्डे एवं तिल्दा पुलिस बल उपस्थित रहे।

एडवोकेट कमिश्नर महेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि ऋण वसूली अधिकरण, जबलपुर में यह केस लगभग दो करोड़ एक लाख रुपए की वसूली हेतु रिकवरी सर्टिफिकेट निष्पादन के लिए यह कार्यवाही की गई। शीघ्र ही न्यायाधिकरण द्वारा संपत्ति की नीलामी कर बैंक की बकाया राशि की वसूली की जाएगी। महेश कुमार पाण्डेय ने आगे बताया कि यह कार्यवाही डीआरटी जबलपुर के रिकवरी ऑफिसर के आदेश पर की गई है और जानबूझकर बैंक का पैसा न देने वाले डिफॉल्टर एवं जमानतदार पर डीआरटी के आदेश पर उनकी चल-अचल सम्पत्तियों की कुर्की और बिक्री सहित उनकी गिरफ्तारी और सिविल जेल की कार्यवाही की जाती है। जो डिफॉल्टर सक्षम होते हुये भी बैंक का पैसा नहीं लौटाते उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाती है। यह भी बताया गया कि जानबूझकर पैसा न चुकाने वाले डिफाल्टर और उनके जमानतदारों के खिलाफ ऋण वसूली अधिकरण, जबलपुर द्वारा अब लगातार ऐसे ही कार्यवाही की जा रही है। यदि इस स्थिति से डिफॉल्टर बचना चाहते हैं तो बैंक से लिया गया ऋण समयानुसार जमा कराएँ।

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