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मध्य प्रदेश

महाकाल के गर्भगृह में झुलसे सेवक की मुंबई में 16 दिन बाद हुई मौत, गुलाल से लगी आग में 14 लोग झुलसे थे

उज्जैन

धुलेंडी (25 मार्च) के दिन उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगने से झुलसे सेवक सत्यनारायण सोनी (80) की मौत हो गई। उन्होंने बुधवार सुबह मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। सत्यनारायण गंभीर रूप से झुलसे थे। पहले उन्हें इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर 8 अप्रैल को मुंबई के नेशनल बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था।

महाकाल मंदिर में 25 मार्च की सुबह भस्म आरती हो रही थी. मंदिर में भगवान के जयकारे लग रहे थे. श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन थे, तभी 5:49 बजे गर्भगृह में आग लग गई. इस हादसे में पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे. घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया था. 5 का इलाज उज्जैन में ही चला. इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसने के कारण सत्यनारायण सोनी को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन स्थिति में सुधार न होता देख अच्छे उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में रेफर किया गया. यहां आज सुबह उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई. सत्यनारायण सोनी की उम्र80 वर्ष बताई जा रही है.

‘बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे सोनी’

मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे, जो कि भस्म आरती के लिए गर्भगृह में सफाई करना, पूजन सामग्री एकत्रित करनाया अन्य कोई भी काम… हमेशा तैयार रहते थे. बाबा महाकाल की पूजा करने के लिए भले ही कोई भी पुजारी का समय चल रहा हो, लेकिन उनके सहयोगी के रूप में सत्यनारायण सोनी सेवा देने के लिए जरूर मौजूद रहते थे.

इस अग्निकांड में झुलसे पुजारी पुत्र मनोज शर्मा (43), पुजारी संजय शर्मा (50) और सेवक चिंतामण (65) का इलाज अब भी इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा है.
भस्म आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करने की आवाज लगाते थे..

सत्यनारायण सोनी महाकाल मंदिर में कई वर्षों से नियमित रूप से सुबह भस्म आरती में शामिल होते थे. आरती, पूजा के दौरान पुजारी का भी सहयोग करते थे. सोनी ही वह थे जो महाकाल मंदिर की भस्म आरती में बाहर नंदी हॉल में आकर महिला श्रद्धालुओं से निवेदन करते थे कि भगवान महाकाल की भस्मी चढ़ने वाली है. महिलाएं भस्मी चढ़ते नहीं देखती हैं. इसलिए घूंघट निकाल लें. भोलेनाथ को भस्मी चढ़ने के बाद सोनी वापस आवाज लगाकर महिलाओं से घूंघट भी हटवाते थे. मंदिर के पुजारियों के मुताबिक, सोनी बहुत मिलनसार व्यक्ति थे.

 

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