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मध्य प्रदेश

भोजशाला का सर्वे करने दूसरे दिन भी पहुंची ASI की टीम, हिंदू और मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि भी पहुंचे; पर्यटकों के प्रवेश पर रोक

धार

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर ज्ञानवापी की तरह धार स्थित भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे (ASI सर्वे) का आज (शनिवार) को दूसरा दिन है। दिल्ली और भोपाल के अफसरों की टीम सर्वे कर रही है। ASI के वकील हिमांशु जोशी, हिंदू पक्ष की ओर से आशीष गोयल और गोपाल शर्मा सर्वे टीम के साथ भोजशाला में हैं। कमाल मौलाना वेलफेयर सोसाइटी के समद खान भी भोजशाला पहुंचे हैं। परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। भोजशाला में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इस क्षेत्र की निगरानी 60 कैमरों की मदद से की जा रही है।
सर्वे के खिलाफ याचिका

शुक्रवार से हुए सर्वे को गैर जरूरी मानते हुए मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. लेकिन अब मुस्लिम पक्ष दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाएगा और तमाम प्रमाण और भारत सरकार द्वारा 1902 और 1903 में किए गए सर्वे का हवाला देकर याचिका प्रस्तुत करेगा. इस मामले में शहर काजी का कहना है कि पहले जो सर्वे हुआ था उसकी रिपोर्ट के बाद भारत सरकार ने विवादित स्थल को कमाल मौलाना मस्जिद बताया था. लेकिन अब यदि सर्वे के बाद तथ्यों में बदलाव सामने आता है तो यह सर्वे शंका करने वाला कहा जाएगा. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि पूरे मामले से अब सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाएगा जिससे कि बार-बार उठने वाले इस विवाद पर विराम लगाया जा सके.

क्या है भोजशाला विवाद की वजह

भोजशाला को सभी हिंदू संगठन राजा भोज कालीन इमारत मानते हुए इसे सरस्वती का मंदिर मानते हैं. हिंदूओं का कहना है कि राजवंश काल में यहां कुछ समय के लिए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी. जबकि वहीं दूसरे पक्ष मुस्लिमों का कहना है कि वो सालों से यहां नमाज पढ़ रहे हैं. वे इसे भोजशाला कमान मौलाना मस्जिद मानते हैं. जबकि हिंदू इसे पूजा का स्थल या कहें सरस्वती मंदिर मानते हैं.

 

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