कोरोना काल में निजी स्कूलों का अमानवीय चेहरा : बाफना
राजनांदगांव। राजनांदगांव में स्कूलों की इन मनमानियां के चलते कोरोना पीड़ित पालक मंच बन गया है, जिसमें पालकों को हो रही परेशानी की आवाज जिला प्रशासन एवं प्रदेश प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस कोरोना पीड़ित पालक मंच के संयोजक विकास बाफना ने बताया कि निजी स्कूलों ने इस कोरोना काल में मानवता से परे मनमानियों की सारी हदें पार कर दी हैं।श्री बाफना ने कहा कि कोरोना महामारी के समय व्यक्ति एवं परिवार व्यापार, सामाजिक व्यवहार, शारीरिक व्याधियों, आर्थिक संसाधनों की कमी से लगातार संघर्षरत है। ऐसे में शहर राजनांदगांव जिले एवं प्रदेश की निजी स्कूलों द्वारा जो मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण दिया गया है, उसे राजनांदगांव एवं प्रदेश के पालक कभी नहीं भूलेंगे।
श्री बाफना ने कहा कि शहर की मुख्यतः दो शिक्षण संस्थाएं जिसमें एक व्यक्तिगत नाम से चार स्कूलों का संचालन हो रहा है एवं दूसरी जो धार्मिक संस्था की आड़ में दुर्जनों को प्रबंधन प्रमुख बनाकर पालकों को प्रताड़ित करने के अपने असीम ज्ञान एवं क्षमताओं का बेहूदा प्रदर्शन कर रहे हैं।श्री बाफना ने कहा कि बच्चों ने स्कूलों का दरवाजा तक नहीं देखा, किंतु पालकों के दरवाजे तक स्कूलों का नोटिस जरूर आ गया है, जैसे पालक अनुबंधित है, स्कूल प्रबंधन को बिना सेवा लिए भी भुगतान करना ही होगा। निजी स्कूल प्रबंधन टीचर्स के वेतन को आधार बनाकर उनकी वेतन लागत से भी 10 गुना ज्यादा शिक्षण शुल्क की मांग कर रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा के मानक शिक्षा विभाग द्वारा तय किए जाएं। केवल फोटो और वीडियो अपलोड करके ऑनलाइन शिक्षा कारगर सिद्ध नहीं हो सकती।
श्री बाफना ने कहा कि सर्वप्रथम पालकों की अनुमति के बिना बिना स्तरहीन ऑनलाइन शिक्षा का दिखावा, उसके बाद माननीय हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए शिक्षण शुल्क को बढ़ाकर मांगना, उसके बाद फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन शिक्षा से वंचित करने की धमकी देना, उसके बाद बच्चों को भी मैसेज कर पालकों पर भावनात्मक दबाव बनवाना, फिर ऑनलाइन शिक्षा से वंचित करना, ड्रॉप करने का विकल्प देना, ड्रॉप करने का विकल्प चुनने के बाद यदि पुनः प्रवेश मांगा जाएगा तो पूरे सत्र की मनमानी फीस देना ही होगा ऐसी शर्त रखना, स्कूलों से टीसी लेने की बात कहना और तो और दो मुख्य निजी स्कूलों का आपसी सहमति ऐसी भी एक दूसरे की टीसी को एडमिशन भी नहीं देने की योजना बनाई। इन्हीं मनमानीयों के विरोध में 21 सितंबर को कोरोना पीड़ित पालक मंच राजनांदगांव द्वारा जयस्तंभ चौक से जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री एवं महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम बारिश के कारण स्थगित हो गया था, जो आगे प्रस्तावित है। जल्द ही पालकों का भीषण विरोध शहर की सड़कों पर दिखेगा।