advertisement
मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में बनेगा खनिज-सीमेंट कॉरिडोर, हजारों करोड़ की होगी आमदानी

भोपाल

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने गतिशक्ति योजना के तहत तीन प्रमुख इकोनॉमिक रेलवे कॉरिडोर का ऐलान किया है। इनमें से ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर का बड़ा भाग मध्यप्रदेश के हिस्से में आया है।

इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में 75 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण देने का ऐलान किया गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा मप्र को होगा। केंद्रीय करों में भी मप्र की हिस्सेदारी बढ़ी है। मप्र को साढ़े छह हजार करोड़ अतिरिक्त रुपए मिलने की संभावना है। पढ़िए, मोदी सरकार के आखिरी बजट से मप्र को क्या फायदा मिला है…

इकोनॉमिक रेलवे कॉरिडोर से एमपी को फायदा

राज्य वित्त विभाग के अफसरों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सीमेंट का उत्पादन ज्यादा होता है। इसी तरह मिनरल रिसोर्स भी अधिक हैं। इस कॉरिडोर के बनने से कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा और मध्य प्रदेश को बड़ा आर्थिक लाभ होगा। इस कॉरिडोर के बनने से माल ढुलाई में 10% की वृद्धि के साथ मालगाड़ियों की रफ्तार में भी इजाफा होगा। इसके अलावा दो पोर्ट कनेक्टिविटी और उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया गया है।

क्या है पीएम गति शक्ति योजना

यह योजना 2021 में लॉन्च की गई। इसका मकसद देश में चल रहे प्रोजेक्ट्स की लागत और समय कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना है। इस योजना के तहत 16 मंत्रालय के विभागों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। सड़क, रेल, तेल और गैस मंत्रालयों के प्रोजेक्ट को इसमें शामिल किया गया है।

वित्त विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए बड़ा बजट केंद्र सरकार से मिलने की उम्मीद है। अंतरिम बजट में इस योजना के तहत केंद्र से 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी जबकि राज्य सरकार को 40 प्रतिशत राशि वहन करनी होगी। इसके लिए राज्य के लेखानुदान में मैचिंग ग्रांट राशि का प्रावधान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र में 75 हजार करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण देने के निर्णय से पर्यटन का सर्वांगीण विकास होगा। उड़ान योजना के अंतर्गत 517 नए रूट पर एयरपोर्ट का निर्माण और विस्तार हवाई यातायात की प्रगति की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। इससे मध्यप्रदेश में भी हवाई यातायात का विस्तार होगा।

केंद्रीय करों में मप्र की हिस्सेदारी बढ़ गई है। अंतरिम बजट में मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए मध्य प्रदेश को 6500 करोड़ अतिरिक्त मिलेंगे। इससे पहले मौजूदा वित्तीय वर्ष में मप्र को केंद्रीय करों से 80 हजार 411 करोड़ रु. मिल चुके हैं। इसी तरह जन-मन योजना के तहत आदिवासी जनजातियों के आवास बनाने के लिए 2 लाख रुपए प्रति हितग्राही दिए जाएंगे। अभी यह राशि 1 लाख 40 हजार रुपए है।

केंद्र सरकार ने 50 साल तक के ब्याज मुक्त कर्ज का दायरा बढ़ा दिया है। इससे मध्य प्रदेश को फायदा होगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में 7850 करोड़ रुपए केंद्रीय एजेंसियों से कर्ज स्वीकृत हो चुका है। इसकी एक किश्त मिल चुकी है। शेष राशि अगले दो महीने में मिलेगी।

वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए बजट में 11.1% बढ़ोतरी कर इसे रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपए किया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्य प्रदेश को होगा। इसकी वजह यह है कि मप्र का सकल घरेलू उत्पाद पूंजीगत व्यय सबसे अधिक 4.5% है। इस हिसाब से मप्र 56 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों में खर्च करने के लिए कर्ज ले सकता है लेकिन अब बजट का साइज बढ़ेगा तो पूंजीगत व्यय भी बढ़ेगा तो इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में 38 लाख आवासों की स्वीकृति मिली है। इसमें से 32 लाख आवास पूरे करने का दावा सरकार ने किया है। अब शेष 6 लाख आवासों के लिए राशि मिलेगी। मप्र सरकार ने यह भी तय किया है कि लाड़ली बहनों को भी आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए फर्स्ट फेस में शहरी क्षेत्र में 1 लाख आवास बनाने का फैसला लिया गया है। नगरीय विकास व आवास विभाग इसके नियम बना रहा है। नीति आयोग के मुताबिक देश में अब भी 40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं है।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button