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मध्य प्रदेश

अंग्रेजी नहीं हिंदी में हो विभाग के कामकाज के प्रस्ताव, वन मंत्री ने जताई नाराजगी

भोपाल.
सरकारी अधिकारी अधिकांश विभागीय कामकाज के लिए अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता देते हैं और वन विभाग ने इसी के अनुरूप अंग्रेजी भाषा में विभाग के प्रस्ताव बनाकर वन मंत्री नागर सिंह चौहान के समक्ष प्रस्तुत किए थे, लेकिन वन मंत्री इससे नाराज हो गए हैं और निर्देश जारी कर कहा है कि विभाग के कामकाज के प्रस्ताव या नस्तियां हिंदी भाषा में बनाई जाएं।

अंग्रेजी में बनाए जाने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए जाएंगे। वन मंत्री चौहान ने अपने विभाग एवं मुख्यालय को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। बता दें कि वन विभाग एवं मुख्यालय के उच्च अधिकारियों के बीच होने वाले पत्र-व्यवहार एवं अन्य दस्तावेज अंग्रेजी में भेजे जाते हैं। वन मंत्री के निर्देश के बाद अब संभव है कि अधिकांश कामकाज हिंदी भाषा में किया जाएगा।

विश्व हिंदी सम्मेलन में शिवराज ने दिए थे हिंदी में कामकाज के निर्देश
वर्ष 2015 में भोपाल में हुए विश्व हिंदी सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों को निर्देश किया था कि वे सरकारी काम काज हिंदी में ही करेंगे। अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता न दें। शिवराज ने कई बार अधिकारियों द्वारा अंग्रेजी में बनाई गई रिपोर्ट या प्रस्ताव यह करते हुए लौटा दिया था कि इन्हें हिंदी में रूपांतरित कर पुन: प्रस्तुत करें। शिवराज हमेशा सरकारी कामकाज में हिंदी भाषा को ही प्राथमिकता देते थे।

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