CG : हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है मकर संक्रांति पर्व
धमतरी भारत की संस्कृति और सभ्यता में पर्व का विशेष स्थान माना जाता है।यहाँ की प्राचीन संस्कृति यहाँ के लोक-पर्व,रीति-रिवाज,परम्पराएँ, मान्यताएँ, ये सब हमारे धर्म,आस्था,विस्वास का प्रतीक है।हमारे देश मे अनेक जाति,धर्म,संस्कृति,भाषा-भाषी व सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं,बाउजूद इसके इनमें आपस मे प्रेम,सद्भावना,भाईचारे और अनेकता में एकता की मिशाल देखने को मिलती है।यही हमारे देश की सबसे बड़ी विशेषता है।और यही विशेषता हमे पूरे विश्व मे अलग पहचान दिलाती है।यही विशेषता और पहचान दिलाने में हमारे देश के अलग-अलग प्रांतों में अन्यान्य प्रकार के पर्व मनाए जाते हैं,और सभी पर्वों का अपना अलग-अलग मास के हिसाब से महत्व और विशेषता भी है।जैसे पौष मास पूर्णिमा में छत्तीसगढ़ प्रांत में छेरछरा पर्व का विशेष स्थान है जिसमे यहाँ के जनमानस नया फसल आने की खुशी में दान देने और लेने को पुण्य का काम समझते हैं।और पुनः आगामी अच्छी फसल की कामना कुल देवता से करते हुए पर्व धूमधाम से मनाते हैं।
इसी प्रकार उत्तर दक्षिण प्रांत में बिहू लोहड़ी,और मकर संक्रांति का पर्व धूम-धाम से मनाते हैं।
बात करें लोहड़ी का तो यह पंजाब,हरियाणा का प्रमुख पर्व है जिसको पौष मास के एकादशी अर्थात मकर संक्रांति के पूर्व संध्या को मनाया जाता है।जिसमे यहाँ के लोग सायं काल से लेकर रात्रि में आसपास व पूरे घर के लोग इकट्ठे होते हैं,और लकड़ियों की ढेरी बनाकर उसमें आग जलाकर,उसके चारों तरफ इकट्ठे होकर नाचते- गाते हैं और लोहड़ी पर्व की खुशियाँ मनाते हैं।आग की ढेरी में गुड़ से बनी चीजें अर्पित करते हैं,और एक दूसरे को बांटकर खाते-खिलाते हैं।यही प्रेम और सद्भावना का सबसे बड़ा प्रतीक और उदाहरण माना जाता है।