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मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सांसदगण से की रात्रिभोज पर मुलाकात

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सांसदगण से की रात्रिभोज पर मुलाकात

प्रदेश के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज प्रदेश के सांसदगण से रात्रिभोज पर प्रदेश के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मध्यप्रदेश भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्रीद्वय सर्वराजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, राज्य इकाई के पार्टी अध्यक्ष वी.डी. शर्मा एवं हितानंद शर्मा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी राजनीतिक दलों के लगभग 30 सांसद शामिल हुए।

कार्यक्रम में विकसित भारत संकल्प यात्रा के समन्वय, भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रदेश में क्रियान्वयन और भारत सरकार के समक्ष लंबित प्रदेश से जुड़े विषयों पर संसदीय क्षेत्रवार चर्चा हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत में सांसदों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुष्पगुच्छ, शाल, शिवलिंग और अन्य उपहार भेंट कर शुभकामनाएं दी और प्रदेश के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।

 

शहरी बेघरों के लिए संचालित आश्रय स्थलों में ठहरने वाले हितग्राहियों का होगा परीक्षण स्वास्थ्य संस्थाएँ चिन्हित

भोपाल

प्रदेश के विभिन्न जिलो में नगरीय प्रशासन एवं विकास के अधीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन के घटक 'शहरी बेघरों के लिए आश्रय" अंतर्गत 61 नगरीय निकायों में कुल 125 आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मण्डलोई ने बताया है कि आश्रय स्थली में ठहरने वाले हितग्राहियों के स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने और बेघर व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के लिये स्वास्थ्य विभाग एवं नगरीय निकायों के मैदानी अमले को बेहतर प्रबन्ध सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं।

प्रदेश के 125 आश्रय स्थलों की मैपिंग उनके समीप संचालित संजीवनी क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेंसरी / शासकीय चिकित्सालय से की गई है। आश्रय स्थल प्रभारी समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं मेप की गई संस्था के प्रभारी अधिकारी से समन्वय कर आश्रय स्थलों में ठहरने बाले हितग्राहियों के स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने की कार्ययोजना तैयार करेंगे। स्वास्थ्य परीक्षण का उत्तरदायित्व मैप किए जाने वाले स्वास्थ्य संस्था के प्रभारी अधिकारी का होगा। समस्त आश्रय स्थलों पर आकस्मिक एवं आपातकालीन समय में संपर्क करने के लिये मैप्ड संजीवनी क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेंसरी / शासकीय चिकित्सालय के अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जाएं। नगरीय निकाय व स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन का रोस्टर तैयार करेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मैप की गई स्वास्थ्य संस्था के माध्यम से आश्रय स्थलों के निरीक्षण हेतु एक दल का गठन किया जाएगा। दल प्रत्येक 15 दिवस में निरीक्षण करेगा। निकाय शीत ऋतु में मोबाईल वैन के माध्यम से रात्रि के समय फेरे लगाकर बेघरों को सुविधाजनक तरीके से आश्रय स्थल तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर पुलिस कि गश्त व डायल 100 को भी अवगत कराया जाये की गश्त के समय यदि कोई खुले आसमान के नीचे या फुटपाथ पर सोता हुआ पाया जावे तो तत्काल उसे समीप के आश्रय स्थल में पहुंचायें। आकस्मिक चिकित्सा सेवा हेतु 108 डायल कर एम्बुलेंस से रोगी का परिवहन किया जा सकता है। समस्त थानों में निकाय अंतर्गत संचालित आश्रय स्थलों की सूची, प्रभारी अधिकारी / कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जायेगा। समस्त आश्रय स्थलों में निकट के थाना प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जायेगा। समस्त संजीवनी क्लीनिक / शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / सिविल डिस्पेसरी / शासकीय चिकित्सालय में नजदीकी आश्रय स्थल का पता, प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी का नाम व मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किया जायेगा।

 आश्रय स्थलों व सार्वजनिक स्थलों में ठंड से बचाव के लिये अलाव की व्यवस्था करने, आश्रय स्थल में नहाने के लिए गर्म पानी, रजाई एवं कंबल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। ऐसे नगरीय निकाय जहॉ स्थाई आश्रय स्थल नही है अथवा शहरी बेघरों के सर्वेक्षण में निराश्रित लोग पाए गए है, वहाँ अस्थाई तौर पर किराए के भवन में व खाली पड़ी नगर निगम / नगर पालिका अधिकृत किसी भवन में आश्रय स्थल प्रारंभ कर समस्त शहरी बेघरों को आश्रय एवं अन्य राहत प्रदान करने के निर्देश दिये गए हैं।

हेल्पलाइन नम्बर और आश्रय स्थल मे पदस्थ मैनेजर व केयर टेकर के नम्बर सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे शहरी बेघरों को आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए जन सहभागिता भी हो सके। नगरीय निकाय सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति ठंड के मौसम मे खुले आसमान के नीचे ना सोये।

 

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