CG : करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत
रायगढ़ धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को क्षेत्र में फिर से एक 20 वर्षीय हाथी की मौत का मामला सामने आया है। प्रथमदृष्टया हाथी की मौत का कारण बिजली करंट लगने से होना पाया गया है। क्षेत्र के एक किसान के खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर इस 20 साल के नर हाथी की मौत हुई है। मौके पर हाथी का शव पैरा (पुवाल) से ढका हुआ मिला है।
इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक वन विभाग द्वारा महिपाल नामक खेत मालिक को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया जिस पर उसने करंट का जाल बिछाने की बात कबूल कर ली है। खम्हार दक्षिण इलाके में एक हाथी का शव मिलने की सूचना पर बुधवार को डीएफओ अभिषेक जोगावत दलबल सहित तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। जिसके बाद आवश्यक विभागीय जांच-कार्रवाई शुरू की गई। बता दें कि बोरो रेंज के इस क्षेत्र में कुछ समय से 22 हाथियों का बड़ा दल विचरण कर रहा था। बोरो वन परिक्षेत्र अंर्तगत हुई इस घटना के बारे में विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाथी का शव करीब 2 दिन पुराना है। बताया जा रहा है।
खम्हार दक्षिण फारेस्ट परिसर इलाके में महिपाल नामक व्यक्ति के द्वारा अपने खेत में लगे फसलों की रखवाली के लिए लो पावर वाली फेंसिंग की गई थी लेकिन उसी में बिजली करंट प्रवाहित तार भी जोड़ दिया गया था। जिसकी जद में आकर एक और बेजुबान की असमय मृत्यु हो गई। वर्तमान डीएफओ के कार्यकाल के दौरान हाथियों के मौत का आंकड़ा करीब दर्जन भर से अधिक पार होने को है। आश्चर्यजनक यह भी कि डीएफओ जोगावत धरमजयगढ़ के इतिहास में अपने कार्यकाल में इतनी हाथियों की मौत, जिनमें से अधिकांश की मृत्यु करंट लगने से हुई है।
बावजूद धरमजयगढ़ वन मंडल में यथावत बने रहने वाले संभवतः पहले अधिकारी हैं। हालांकि, इसके पूर्व में हुए हाथी की मौत के कुछ मामलों में संबंधित किसान व जिम्मेदार कर्मचारियों की लापरवाही पाए जाने पर उनके खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई जरूर की गई है। लेकिन ज्यादातर प्रकरण में संबंधित फारेस्ट गार्ड को ही जिम्मेदार ठहराते हुए उसे सस्पेंड किया गया। हालांकि, हाल ही के सिर्फ एक मामले में वन रक्षक व डिप्टी रेंजर दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था। इधर, वन विभाग द्वारा सुरक्षा को लेकर तमाम कवायदों के बावजूद इलाके में एक बार फिर करंट से हाथी की मौत विभागीय कार्यप्रणाली की पोल खोलता नज़र आ रहा है।