advertisement
मध्य प्रदेश

विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की बसाहटों के लिए मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित हों

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारिया, सहरिया और बैगा जनजाति की बसाहटों के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं और सेवा केन्द्रों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए। मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, आवश्यकता और पूर्ति की जानकारी को तहसीलवार संकलित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जानकारी को मानचित्र पर उनकी भोगौलिक स्थिति के साथ चिंहांकित किया जाए। लक्ष्य पूर्ति के लिए चरणबद्ध कार्य योजना तैयार कर समय सीमा में कार्रवाई की जाए।

राज्यपाल पटेल प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान की समीक्षा के दौरान जनजातीय कार्य विभाग और जनजाति प्रकोष्ठ राजभवन के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर जनजाति प्रकोष्ठ राजभवन के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव जनजातीय कार्य एस.एन. मिश्रा और राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा भी मौजूद थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि महाअभियान का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जाए। जरूरी है कि विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया, सहरिया और बैगा की चिंहित बसाहटों के बाहर निवास करने वाले हितग्राहियों को भी महाअभियान के तहत लाभांवित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र परिवार वंचित नहीं रहे। अभियान की गतिविधियों का संचालन संवेदनशीलता और सेवा भाव के साथ किया जाए। उन्होंने भारिया, सहरिया और बैगा जनजाति परिवारों की आजीविका के लिए संचालित दुधारू पशु योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल को बताया गया कि विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के हितग्राहियों की पहचान के लिए जनजाति अनुसंधान संस्थान द्वारा सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान 45 प्रश्नों की प्रश्नावली में जानकारियाँ प्राप्त कर गतिशक्ति पोर्टल पर दर्ज की जा रही हैं। सर्वेक्षण का कार्य शीघ्र ही पूर्ण हो जाएगा। राज्यपाल को बताया गया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान योजनातंर्गत देश के 18 राज्यों के 75 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह को लाभांवित करने का लक्ष्य तय किया गया है। योजना केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं केन्द्र और राज्य मंत्रालयों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।

योजना के तहत 9 विभागों की 11 महत्त्वपूर्ण गतिविधियों पर केंद्रित रहेगी। इसके अंतर्गत पक्का आवास, बेहतर पहुँच मार्ग, मोबाइल मेडिकल यूनिट, छात्रावासों का निर्माण एवं संचालन, बिना बिजली वाले मकानों का विद्युतीकरण, पाइपलाइन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्धता, सामुदायिक जल उपलब्धता, आंगनबाडि़यों का निर्माण एवं संचालन, वन-धन विकास केन्द्रों का संचालन, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, सड़को एवं बहुउद्देशीय केन्द्रों में सौर ऊर्जा की उपलब्धता, शून्य दशमलव तीन किलो वॉट सोलर ऑफ-ग्रिड की स्थापना, मोबाइल टॉवर की स्थापना, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास सहित विभिन्न कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कुल 24 हजार करोड़ रुपये का बजट अनुमान रखा गया है, जिसमें केंद्रांश 15 हजार 366 करोड़ रुपये एवं राज्यांश 8 हजार 768 करोड़ रुपये रहेगा। योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2023-24 से 2025-26 के दौरान किया जायेगा।

 

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button