मध्य प्रदेश

इंदौर में स्कूल-कालेजों और अस्पतालों के 100 मीटर दूरी में तेज आवाज

इंदौर

राज्य शासन द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुक्रम में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ.इलैयाराजा टी. द्वारा इंदौर शहर के चिन्हित क्षेत्रों को शांत परिक्षेत्र घोषित करने के आदेश जारी किए गए हैं। शांत परिक्षेत्र ऐसे परिक्षेत्र है, जहाँ पर कम से कम 100 मीटर के दायरे में प्रेशर हॉर्न,लाउड स्पीकर या ऐसे साधनों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा जिनके द्वारा निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि उत्पन्न होने की संभावना रहती है।

संवेदनशील क्षेत्रों की सूची
जारी आदेश अनुसार ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 (यदा-संशोधित) के उपबंध 2(d) के अनुसार उच्च न्यायालय भवन, जिला एवं सत्र न्यायालय भवन, संभागायुक्त व वाणिज्यिक कर कार्यालय एवं कलेक्टर कार्यालय एवं जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थान/समस्त अस्पताल के आस-पास न्यूनतम 100 मीटर तक के क्षेत्र को इन नियमों के प्रयोजन के लिये शांत परिक्षेत्र घोषित किया गया है।

इसी के साथ निम्न संवेदनशील क्षेत्रों को भी शांत परिक्षेत्र घोषित किया गया है – एम.वाय.अस्पताल इंदौर, जिला अस्पताल धार रोड,बॉम्बे हॉस्पिटल विजय नगर, कन्वेनियंट हॉस्पिटल (सी.एच.एल.) एम.आई.जी., भण्डारी हॉस्पिटल विजय नगर,अरबिन्दो हॉस्पिटल साँवेर रोड, मानसिक चिकित्सालय बाणगंगा, चोईथराम अस्पताल, गोकुलदास अस्पताल, चाचा नेहरू एवं डेन्टल अस्पताल, यूनिक सुपर स्पेशलिटी दशहरा मैदान के सामने, बी.सी.एम. कोकिला बेन हॉस्पिटल निपानिया, कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल नन्दानगर, एम.टी.एच. हॉस्पिटल कोठारी मार्केट के पास, अपोलो राजश्री हॉस्पिटल विजय नगर, जीजामाता गर्ल्स कॉलेज मोती तबेला, गोविन्द राम सेक्सरिया इंजीनियरिंग कॉलेज, होल्कर साईंस कॉलेज, सत्य सांई स्कूल विजय नगर, न्यू गर्ल्स डिग्री कॉलेज किला मैदान, खण्डवा रोड भंवरकुंआ से आईटी पार्क चौराहा (यूनिवर्सिटी केम्पस), विशेष जुपीटर हॉस्पिटल तीन ईमली तथा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ढ़क्कन वाला कुंआ।

निम्न ध्वनि यंत्रों पर रहेगा प्रतिबंध
उद्योग संवर्धन नीति 2010 एवं कार्ययोजना की कण्डिका 14.4 के संदर्भ में म.प्र.शासन वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग के आदेश में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप पूर्व स्थापित औद्यौगिक क्षेत्र को अधिसूचित किये गये है उन पर भी यह प्रावधान लागू होंगे। इसी प्रकार संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित क्षेत्र जो इन्दौर विकास योजना 2021 में सम्मिलित है पर भी उक्त प्रावधान लागू रहेंगे। भोंपू (हॉर्न) का उपयोग शांत परिक्षेत्रों या रात्रि के समय आवासीय क्षेत्रों में सार्वजनिक आपात के सिवाय नहीं किया जाएगा।
ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखे शांत परिक्षेत्र में या रात्रि समय में नहीं फोड़े जाएंगे । लाउड स्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली या कोई ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण या वाध उपकरण या ध्वनि प्रवर्धन का प्रयोग रात्रि में नहीं किया जाएगा।

कोई भी व्यक्ति ऐसे लाउडस्पीकर या ध्वनि एम्पलीफॉयर का किसी भी लोक स्थान में गाने या शब्दों के विस्तारण के प्रयोजन के लिए जो अश्लील हो या जिससे सामान्यता लोक की नैतिकता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित होना संभव हो, प्रयोग नहीं करेगा। उच्च ध्वनि संगीत से तात्पर्य बैण्ड, बैग पाइप्स, आलगोजा, शहनाई, ड्रम, बिगुल, ढोल तथा इसी प्रकार के अन्य यंत्र जो उच्च ध्वनि उत्पन्न करते हैं, ऐसे उच्च ध्वनि वाले यंत्रों का प्रयोग लोक स्थान या खुले हुए प्रायवेट स्थान, सार्वजनिक वीथिका में उपयोग किये जाने पर निषेध रहेगा। इन स्थानों पर उच्च ध्वनि यंत्रों के उपयोग के पूर्व इन्दौर शहरी क्षेत्र हेतु नगरीय पुलिस इन्दौर तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु संबंधित एसडीएम से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

ध्वनि स्तर की सीमा डेसीबल ‘ए’ में
ध्वनि प्रदूषण नियम द्वारा विभिन्न क्षेत्र हेतु दिन व रात के समय अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है। औद्योगिक क्षेत्र हेतु प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 75 डेसीबल तथा रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक 70 डेसीबल निर्धारित की गई है। इसी तरह वाणिज्यिक क्षेत्र हेतु प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 65 डेसीबल तथा रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक 55 डेसीबल, आवासीय क्षेत्र हेतु प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 55 डेसीबल एवं रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक 45 डेसीबल तथा शांत क्षेत्र हेतु प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 50 डेसीबल एवं रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक 40 डेसीबल निर्धारित की गई है। उक्त आदेश का उलंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक की अवधि अभिप्रेत है।

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