राजनांदगांव : वायरल फीवर का इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों में मिल रहे निमोनिया के भी लक्षण
राजनांदगांव मौसम में बदलाव और ठंड बढ़ने के साथ जहां वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ा है। वहीं इसका इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों में निमोनिया के लक्षण भी मिल रहे हैं। इस समय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मेडिसिन विभाग की ओपीडी में आने वाले 10 में 4 मरीजों में निमोनिया के लक्षण मिल रहें है। इसमें 1-2 मरीजों में प्रकोप कम वहीं 2 मरीजों में इसका प्रकोप ज्यादा बताया जा रहा है। खासकर बच्चे एवं बुजुर्ग इसकी चपेट में है। इसके लिए डॉक्टरों द्वारा टीकाकरण की सलाह दी जा रही है।
शुक्रवार को बड़ी संख्या में मरीज जिला अस्पताल व एमसीएच की ओपीडी में पहुंचे थे। अधिकांश मरीज सर्दी-खांसी, गले में खराश, बुखार, बदन दर्द जैसे लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं। दवाओं की मांग भी बढ़ी है इधर शहर के निजी अस्पतालों में वायरल से पीड़ितों की संख्या भी बढ़ी है। विगत दिनों हुई बेमौसम बारिश का असर सेहत पर भी पड़ा है। बच्चे एवं बुजुर्ग भी वायरल की चपेट में है उनमें निमोनिया के लक्षण भी मिल रहे हैं। तेज बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अचानक ठंड बढ़ने से वायरल का प्रकोप बढ़ा है। दिन में भी ठिठुरन हो रही है।
निमोनिया बैक्टीरिया के कारण होता है। ठंड का मौसम बैक्टीरिया को पनपने एवं फैलने में सहायक होता है। इससे फेफड़ों में सूजन होने के साथ सांस लेने में दिक्कत होती है। सर्दी-खांसी बुखार और खासकर सांस लेने में तकलीफ होना इसका प्रमुख लक्षण है। शिशुओं की सांस तेज एवं पसली चलना, झटके आना, सर्दी-खांसी जल्दी ठीक नहीं होना ऐसे लक्षण होते हैं। निमोनिया का टीका बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी लगा सकते हैं। टीका लगने पर निमोनिया नहीं होता और होने पर इसका प्रकोप ज्यादा नहीं रहता इसे जल्द ठीक किया जा सकता है।
एमसीएच में प्रतिदिन छह मरीज हो रहे भर्ती, बेड फुल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला मेडिसिन, पुरुष मेडिसिन एवं बच्चा वार्ड हाउसफुल है। शिशुओं को एसएनसीयू में रखा जा रहा है वहीं सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों का आईसीयू में इलाज किया जा रहा है। रोजाना तेज बुखार वाले 7 से 8 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। शुक्रवार को भी एमसीएच में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में वायरल पीड़ितों की संख्या अधिक रही। डॉक्टर्स मरीजों को ठंड से बचने, ताजा भोजन एवं गर्म पानी लेने, बाहरी खानपान से बचने, डॉक्टरों से जांच करा कर ही दवा लेने की सलाह दे रहे हैं।