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पांच महीने बाद आज योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु, शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य

पांच महीने के बाद भगवान विष्णु बृहस्पतिवार को देवउठनी एकादशी पर योग निद्रा से जागेंगे। इसके साथ ही चातुर्मास का समापन हो जाएगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

वाराणसी से प्रकाशित हृषिकेश पंचांग के अनुसार, इस दिन कार्तिक शुक्ल एकादशी का मान पूरे दिन और रात आठ बजकर 21 मिनट तक है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र भी शाम पांच बजकर 23 मिनट तक है। इस दिन छत्र नामक औदायिक योग है। सूर्योदय की तिथि में एकादशी होने से देवउठनी एकादशी इसी दिन मान्य रहेगा।

देवउठनी एकादशी का महत्व

ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, देवउठनी एकादशी व्रत करने से व्रतियों को सहस्रों अश्वमेध का फल प्राप्त होता है। व्रत के प्रभाव से उसे वीर, पराक्रमी और यशस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है। यह व्रत पापनाशक, पुण्यवर्धक और ज्ञानियों को मुक्तिदायक सिद्ध होता है। व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्नता देने वाला और विष्णु धाम की प्राप्ति कराने वाला है। इस व्रत को करने से समस्त तीर्थों का घर में निवास हो जाता है।

ये हैं इस साल के विवाह मुहूर्त

नवंबर 24, 27, 28 और 29 नवंबर
दिसंबर: 3, 4, 5, 6,7, 9, 11, 12 और 13 दिसंबर

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