मध्य प्रदेश

65 से ज्यादा ‘बाड़ा बिगाड़ू’ समेत 3832 कैंडिडेट उतरे चुनावी मैदान में

 

भोपाल।

विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि के बाद न केवल प्रत्याशियों बल्कि बागियों की संख्या भी साफ हो गई है। टिकट न मिलने से नाराज भाजपा कांग्रेस के कुल 65 नेताओं ने नामांकन पत्र जमा किया है। नामांकन वापसी के लिए दो दिन का समय है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने रूठों को मनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों पर इस बार 3832 प्रत्याशी उतरे हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांगे्रस के बीच ही है।

प्रदेश के 230 विधानसभा सीटों पर नामांकन पत्र जमा करने की समय सीमा कल समाप्त हो गई। अब तक पूरे प्रदेश में कुल 3832 उम्मीदवारों में 4359 नामांकन पत्र जमा कारण कराए हैं। 2 नवंबर को नाम वापसी के बाद मैदान में शेष रह गए उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो जाएगी। नामांकन पत्र जमा करने के अंतिम दिन 30 अक्टूबर को 2489 उम्मीदवारों ने 2811 नामांकन पत्र जमा कराए थे। नाम वापसी के बाद सभी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा। अब दोनों ही दल भाजपा और कांग्रेस मसें 65 सीटों पर बागी अपने तेवर दिखा रहे हैं। इन्होंने निर्दलीय के रूप में अपने नामांकन दाखिल किए हैं। दोनों ही दलों में बागी नेताओं की संख्या लगभग बराबर है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने सोमवार को कुछ नेताओं को मना लिया था, इसके चलते उन्होंने नामांकन दाखिल नहीं किया है। अब दोनों ही दलों के नेताओं के सामने आज से तीन दिन तक इन्हें मनाने की चुनौती है।  आमतौर पर यह देखा गया है कि कांग्रेस के जो बागी निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, उनमें से कुछ जीत कर विधानसभा तक पहुंच जाते हैं। जबकि भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को हराने का काम ज्यादा करते हैं।

ट्रेक रिकॉर्ड: कांग्रेस के बागी जीतते, भाजपा के हराते  हैं
 पिछले चुनाव में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े चार नेता निर्दलीय चुनाव लड़ कर विधानसभा तक पहुंच गए थे। हालांकि इनमें से अब दो ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा ने भी इन दोनों को अपना उम्मीदवार बनाया है। सुसनेर से विक्रम सिंह राणा, बुरहानुपर सुरेंद्र सिंह शेरा, भगवान पुरा केदार सिंह डाबर, वारासिवनी प्रदीप जायसवाल ये चारों कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े थे। इसमें से बुरहानपुर से सुरेंद्र सिंह शेरा और भगवानपुरा से केदार सिंह डाबर को कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा के 34, कांग्रेस के 31 बागियों ने भरा फार्म
भाजपा में आज से बागी नेताओं को मनाने का काम तेज हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंगलवार सुबह कई नेताओं से फोन पर चर्चा की। इनमें से कुछ मान गए है जो बुधवार को अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। भाजपा में 34 नेताओं ने बागी होकर नामांकन भरा है।  इधर कांग्रेस में पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी ऐसे अपनी पार्टी के बागी नेताओं को मनाने का काम करेंगे। तीनों नेताओं को इसी संबंध में सोमवार को दिल्ली तबल किया गया था। आज से तीनों ही नेता उन नेताओं के नामांकन वापस करवाने के प्रयास करेंगे जिन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। कांग्रेस में 31 नेताओं ने बागी होकर नामांकन भरा है।

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