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UP : आठ अफसरों को भी न दिखे स्काई बम, पटाखों को बताया केमिकल, पांच मजदूरों की हुई थी दर्दनाक मौत

मेरठ के लोहियानगर के एम पॉकेट में पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट के मामले में प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी ने भी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।  इस कमेटी में आठ विभागों के अधिकारी शामिल थे, लेकिन इनमें से किसी भी विभाग के अधिकारी को मलबे में स्काई बम और टॉय गन के शॉट शायद नजर नहीं आए। कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें केमिकल से विस्फोट होना बताया गया है। वह कौन सा केमिकल था, ये बताने को कोई तैयार नहीं है। इतना जरूर कहा गया है कि केमिकल कितना खतरनाक था, जिसके बारे में फोरेंसिक रिपोर्ट आने पर ही कुछ बताया जा सकता है।  Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully लोहियानगर में हुए विस्फोट की जांच के लिए एडीएम सिटी की अध्यक्षता में आठ विभागों के अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी। इनमें एडिशनल डायरेक्टर फैक्टरी, एडिशनल डायरेक्टर विद्युत सुरक्षा, एक्सईएन पीडब्लूडी, उद्योग विभाग, नगर निगम, विकास प्राधिकरण के अधिकारी शामिल किए गए थे। इनकी संयुक्त रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully हैरानी की बात यह है कि कमेटी ने केमिकल से धमाका होने की संभावना तो व्यक्त की है, लेकिन मलबे से एनडीआरएफ ने जो स्काई बम और टॉय गन के सफेद पाउडर से भरे शॉट बरामद किए, उनका जिक्र नहीं किया गया। सवाल यह है कि आखिर स्काई बम और टॉय गन के शॉट बरामद होने की सच्चाई को रिपोर्ट में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है।  Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully यह मान भी लिया जाए कि विस्फोट केमिकल से हुआ और टॉय गन के शॉट में बारूद नहीं था, लेकिन मलबे से भारी मात्रा में मिले स्काई बम, क्या बम नहीं थे। इतने खतरनाक बम का भी जिक्र रिपोर्ट में नहीं तो इसके पीछे आखिर मंशा क्या है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है। रात के अंधेरे में जेसीबी से गड्ढ़ा खोदकर जो स्काई बम और टॉय गन के शॉट दबाए गए, उनका जिक्र करने के लिए कोई भी विभाग तैयार नहीं है। Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully आरोपी संजय गुप्ता अभी तक फरार लोहियानगर के एम पॉकेट के रिहायशी इलाके में शास्त्रीनगर सेक्टर चार निवासी संजय गुप्ता ने दो मंजिला बिल्डिंग बनाई हुई थी। बिल्डिंग की पहली मंजिल शास्त्रीनगर सेक्टर तीन निवासी आलोक रस्तोगी और उदयराज ने किराए पर ले रखी थी। दूसरी मंजिल जागृति विहार सेक्टर सात निवासी गौरव गुप्ता को दी हुई थी। पहली मंजिल पर आलोक रस्तोगी ने साबुन का गोदाम बनाया था। उदयराज ने प्रिटिंग मशीन की मरम्मत का काम किया हुआ था। दूसरी मंजिल पर गौरव गुप्ता ने अवैध पटाखा गोदाम संचालित किया था। इसमें टॉय गन की मिसाइल (शॉट) और स्काई बम रखे थे। 17 अक्तूबर की सुबह सवा सात बजे अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट में पांच मजदूरों की मौत हुई। एक मकान ध्वस्त हो गया। Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully 33 केवी लाइन के खंभे टूट गए। लोहियानगर पुलिस ने इस मामले में बिल्डिंग मालिक संजय गुप्ता और गौरव गुप्ता पर गैर इरादतन हत्या, 7 क्रिमनल एक्ट और दूसरी धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। गौरव गुप्ता जेल जा चुका चुका है, लेकिन संजय गुप्ता अभी भी फरार है। सीओ कोतवाली अमित राय ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। Blast In Factory: Even eight officers could not see the sky bomb,five workers died painfully विद्युत निगम और एडिशनल डायरेक्टर फैक्टरी से मांगा जवाब डीएम दीपक मीणा ने इस मामले में विद्युत निगम के अधिकारियों से जवाब मांगा है कि रिहायशी इलाके में काॅमर्शियल विद्युत कनेक्शन कैसे दे दिया गया। इसके अलावा रिहायशी इलाके में फैक्टरी संचालित किए जाने पर एडिशनल डायरेक्टर फैक्टरी से जवाब मांगा गया है। ये आज शाम तक रिपोर्ट सौंपेंगे।

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