UP : सांड़ ने पटका, व्यवस्था ने मार डाला: घर लौट रहे पेंटर पर हमला…मौत, तीन हजार मवेशी बन रहे हादसों की वजह
कानपुर नगर निगम की धृतराष्ट्र व्यवस्था ने एक पेंटर के परिवार को जीवनभर का दर्द दे दिया। शहर में घूम रहे आवारा जानवर राहगीरों के लिए आए दिन काल बन रहे हैं। शुक्रवार को एक सांड़ ने पेंटर को पटक दिया, जिससे उसकी जान चली गई। घर के इकलौते कमाने वाले की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। चौबेपुर थाना क्षेत्र के नुनाहा गांव निवासी राजन का बेटा मनोज कुमार (35) पेटिंग का काम करता था। शुक्रवार की देर शाम वह कल्याणपुर से पेंटिंग का काम करके बाइक से घर लौट रहा था। आईआईटी गेट के पास अचानक सामने आए सांड़ से उसकी बाइक टकरा गई।
इससे वह बाइक समेत सड़क पर गिर गया। मनोज सड़क से उठने का प्रयास करने लगा तभी टक्कर लगने से बौखलाए सांड़ ने उसे अपनी दोनों सींगों के बीच में फंसाकर जमीन से करीब छह फीट ऊपर ले जाकर पटक दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सांड़ ने उसे दो बार इसी तरह से उठाकर जमीन पर पटका।
प्रशासन की लापरवाही से चली गई जान
इससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं और वह लहूलुहान हो गया। हाथ में लाठी, डंडे लेकर मदद के लिए दौड़े आसपास के लोगों ने बड़ी मशक्कत के बाद सांड़ को खदेड़ा। बदहवास हो चुके मनोज को हैलट अस्पताल भेजा गया, जहां देर रात उसने दम तोड़ दिया। परिजन बोले प्रशासन की लापरवाही के कारण मनोज की जान चली गई ।
पेंटिंग करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था मृतक
छोटे भाई सोनू उर्फ शशांक ने बताया कि मनोज के परिवार में पत्नी नैना, बेटी शगुन (6) और बेटा (4) कर्तव्य हैं। मनोज पेंटिंग करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था। उसकी मौत से मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। परिजनों ने नगर निगम पर आवारा जानवरों को पकड़ने में लापरवाही का आरोप लगाया है।
तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर होगी कार्रवाई
कल्याणपुर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि घटना की सूचना मिली है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अधिवक्ता सिद्धांत शुक्ला के अनुसार, सिविल जज जूनियर डिवीजन या सीनियर डिवीजन की अदालत में मृतक के परिजन आज्ञापक व्यादेश (मैनडेटरी इंजंक्शन) के लिए वाद दाखिल कर सकते हैं।
लोक अदालत में दाखिल कर सकते हैं वाद
बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अनूप शुक्ला ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत गठित स्थायी लोक अदालत में नगर निगम के खिलाफ वाद दाखिल किया जा सकता है। आवारा जानवरों के कारण चुटहिल या मृत्यु होने पर पीड़ित या मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की गणना मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की तरह ही की जाएगी और जिम्मेदारों को मुआवजा देने के निर्देश दिए जा सकते हैं। खास बात यह है कि स्थाई लोक अदालत का आदेश अंतिम होता है और इसके खिलाफ अपील का प्रावधान भी नहीं होता।
वाद दाखिल कराने में सामाजिक संस्था भी कर सकती है मदद
अधिवक्ता सिद्धांत शुक्ला ने बताया कि सिविल जज जूनियर डिवीजन या सीनियर डिवीजन की अदालत में मृतक के परिजन आज्ञापक व्यादेश (मैनडेटरी इंजंक्शन) के लिए वाद दाखिल कर सकते हैं। इसके तहत मुआवजे की मांग के साथ ही नगर निगम को आवारा सांड़ों को पकड़ने के लिए भी आदेशित करने की मांग कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें बड़ी कोर्ट फीस अदा करनी पड़ेगी। मृतक के परिजन की कोई सामाजिक संस्था मदद कर वाद दाखिल करा सकती है।
तीन हजार मवेशी बन रहे हादसों की वजह
कानपुर। शहर में करीब तीन हजार छुट्टा मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं। इनमें करीब 2400 गाय, 600 सांड़ शामिल हैं। चमनगंज घुसियाना, धनकुट्टी, रंजीतनगर, गुलियाना, बादशाहीनाका, भूसाटोली की संकरी गलियों से लेकर मालरोड, वीआईपी रोड तक सड़कों पर इनकी धमाचौकड़ी राहगीरों के लिए हादसे की वजह बन रही है। नगर निगम शहरवासियों को ऐसे मवेशियों से निजात दिलाने में असफल साबित हो रहा है।
छह हजार से ज्यादा मवेशी बंद हैं गोशाला में
- किशनपुर (जाजमऊ) स्थित तीन हजार क्षमता वाले कान्हा उपवन (गोशाला) में करीब 4600 मवेशी बंद हैं।
- पनकी स्थित अस्थाई गोवंश संरक्षण केंद्र (नंदीशाला) में करीब 1800 नंदी हैं।
- डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ स्थित कांजीहाउस में भी करीब 150 मवेशियों को रखा गया है।