धार में पीथमपुर क्षेत्र के घाटाबिल्लौद चौकी अंतर्गत चंबल नदी के पास बने मुक्तिधाम के कचरा संग्रहण केंद्र में बुधवार को कीचड़ से सनी तीन लाश मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई गई थी। सूचना पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाकर जांच शुरू कर दी गई थी।
वहीं, गुरुवार सुबह तक तीनों मृतकों की पहचान नहीं हो पाई थी, पुलिस जांच में सामने आया कि तीनों क्षेत्र में कचरा बीनने का काम करते थे। पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश के बाद संभवत कचरा संग्रहण केंद्र पर ये लोग रुक गए होंगे। क्षेत्र में हुई तेज बारिश के बीच पानी में डूबने से इनकी मौत हो गई होगी। क्योंकि तेज बारिश के बाद चंबल नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा था और कुछ ही देर में नदी ने अपने तटों को छोड़कर विकराल रूप ले लिया था।
हालांकि, नदी के आसपास के घरों को प्रशासन की टीम ने खाली करवा दिया था। किंतु पानी में डूबे इस कचरा केंद्र पर किसी की नजर नहीं गई थी। कल गांव के एक व्यक्ति ने सबसे पहले घाटाबिल्लौद चौकी पर सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। ऐसे में दरवाजा तोड़कर पुलिस पहुंची तो अंदर शवों के पास से काफी बदबू आ रही थी।
इधर, शवों पर भी कीचड़ लगा हुआ था। उसके बाद शवों को मौके से हटाकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र भेजा गया है। सूचना पर तहसीलदार धार की टीम भी मौके पर पहुंची। नगर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार मिश्रा के अनुसार, बारिश का पानी बढ़ने पर नदी के आसपास के घरों को खाली करवा दिया गया था। वहीं मुक्तिधाम के आसपास की सफाई के दौरान बदबू आने पर सबसे पहले एक युवक ने खिड़की में से शव को देखा था, जिसके बाद दरवाजे को खोलकर अंदर पुलिस टीम पहुंची। शवों पर कीचड़ लगा होने व शरीर पुराने होने के कारण बदबू आ रही है। संभवत बारिश के पानी में डूबने से मौत हुई है। हालांकि, मामले की जांच की जा रही है।
वहीं, इस घटना में मृतकों की पहचान पति-पत्नी और बेटे की पहचान रमेश पिता भीला उम्र 42 साल, मृतक की पत्नी मोबाई उम्र 40 साल और नाबालिक 14 वर्षीय के रूप में हुई है। मृतक के पिता भीला ने बताया कि रमेश पिछले तीन साल से परिवार से अलग रहता था और परिवार से मेल-जोल नहीं रखता था। घाटाबिल्लौद में तीन चार महीनों से कचरा बीनने का काम कर जीवन-यापन करता था। बुधवार रात पुलिस ने घटना की सूचना दी, हमने गुरुवार सुबह शव देख कर मृतकों को पहचान की है।