मुख्यमंत्री की घोषणा का शीघ्र क्रियान्वयन चाहते हैं आजीविका मिशन के कर्मचारी
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( अमिताभ पाण्डेय )
भोपाल
मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मचारी संगठन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजना में कार्यरत कर्मचारियों का संगठन है। मिशन में 1700 कर्मचारी संविदा पर पदस्थ है। इस मिशन अंतर्गत पूरे प्रदेश में 52 लाख से अधिक परिवारों को स्वयं सहायता समूह के दायरे में लाकर महिला सशक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। योजना से जुड़कर महिलाओं ने पूरे प्रदेश में जिस तरह का कार्य प्रदर्शन किया है, उसकी प्रधानमंत्री द्वारा भी सराहना की गई है।
संविदा कर्मचारियों के इसी बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारी सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न घोषणा की थी। इन घोषणाओ के माध्यम से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने निर्णय लिया गया था। प्रशासनिक स्तर पर मुख्यमंत्री की घोषणा को लागू करने में उदासीनता अपनाई जा रही है। आज दिनांक तक विभाग द्वारा प्रशासनिक स्तर पर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके कारण घोषणाओं के अनुरूप कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे कर्मचारियों के हितों का नुकसान हो रहा है।
संगठन के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा का शीघ्र क्रियान्वयन होना चाहिए ताकि सभी कर्मचारियों को नियमित पदों के विरुद्ध 100 प्रतिशत वेतन प्राप्त हो सके। वार्षिक अनुबंध प्रक्रिया से मुक्ति मिल सके। अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान लागू हो सके। अवकाश संबंधी व्यवस्था लागू हो सके। गत 20 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो सके।
श्री शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश में केवल 17 सौ कर्मचारियों के माध्यम से 52 लाख परिवारों का सफल नेतृत्व करना आजीविका मिशन को दूसरी योजनाओं से भिन्न बनता है। मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का जिस तरह का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है इसका अंदाजा हर जिला स्तर पर आयोजित महिला सम्मेलन को देखकर लगाया जा सकता है।
प्रदेश के 52 लाख परिवारों की महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान के साथ आत्मनिर्भरता को स्थापित करना मिशन की कार्य क्षमता को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के महिला सशक्तिकरण के महाअभियान में आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने जमीन स्तर पर सार्थक परिणाम प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री के भाषण में महिला सशक्तिकरण के सफल क्रियान्वयन की चर्चा हो रही है, उसकी नींव में आजीविका मिशन कर्मचारियों का पसीना सिंचित है।
आजीविका मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि, इतने विस्तृत कार्यक्षेत्र में भी कम संख्या वाले कर्मियों ने अपनी क्षमता से ऊपर उठकर बेहतर परिणाम प्रस्तुत किए हैं। मध्य प्रदेश के गांव में जिस तरह की आर्थिक क्रांति की शुरुआत हुई है, उसको प्रदेश सरकार की उपलब्धियां के दस्तावेज में पढ़ा जा सकता है। समूह की महिलाएं अब कल्पना से परे जाकर पुरुषों के समकक्ष कार्य प्रदर्शन कर रही है। टोल प्लाजा का संचालन, पोषण आहार प्लांट का प्रबंधन, गणवेश निर्माण कार्य में मुख्य भूमिका महिलाओं की प्रबंधन क्षमता को समाज में स्थापित कर रही है। इस प्रबंधन शक्ति को मजबूत करने के पीछे आजीविका मिशन टीम की सक्रिय भूमिका रही है।
आजीविका मिशन की समूह महिलाओं ने विभिन्न उत्पाद का निर्माण कर 20 हजार करोड़ का टर्नओवर दर्ज किया है। महिलाओं के इस आसमानी इरादे में मिशन की जमीनी टीम ने सतत सहयोग कर आत्मविश्वास को बढाया है।
आजीविका मिशन के प्रयासों से गांव की तस्वीर बदल रही है तथा सरकार के विभिन्न कार्यक्रम महिलाओं के हाथ में आने के बाद बेहतर हुए है। नल जल योजना का संचालन, मध्यान भोजन का निर्माण, बिजली बिल का वितरण, बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता, अनाज खरीदी केंद्र का संचालन, राशन वितरण केंद्र का संचालन, शासकीय कार्यालय में कैंटीन का संचालन, आजीविका मिशन की टीम के प्रयासों से ही महिलाओ द्वारा द्वारा किया जा रहा है महिला समूह को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मिशन की जमीनी स्तर की टीम ने बैंकों एवं समूह के मध्य लगातार समन्वय का कार्य किया है l गत वर्ष में 1हजार 416 करोड़ रुपए का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है l इसके लिए आजीविका मिशन की मात्र 17 सौ लोगों की टीम ने समय प्रबंधन के साथ इस परिणाम को प्रस्तुत किया है।
महिला समूह ने 2022-23 में 822 गेहूं उपार्जन केदो की स्थापना कर 125 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी की है। इस कार्य में जिले एवं ब्लॉक की टीम ने विभागों से सतत संपर्क बनाए का रखकर कार्य को सफल बनाया है। महिला समूह ने दो वर्षों में लगभग 561 करोड़ का गणवेश निर्माण का कार्य किया है l लगभग 13000 से अधिक ग्रामीण महिलाएं गणवेश निर्माण कार्य में सक्रिय है। इनके सतत सहयोग के लिए मिशन की ब्लॉक टीम लगातार प्रशिक्षण आयोजित कर रही है।
टीम द्वारा महिलाओं की क्षमता वर्धन के प्रशिक्षण का परिणाम है कि, पंचायत चुनाव में विभिन्न स्तर पर 17000 से ज्यादा महिलाओं ने चुनाव जीत कर मिशन की टीम के प्रयासों को सार्थक किया है पूरे प्रदेश में आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं के चेहरों पर लाई गई मुस्कान के पीछे आजीविका मिशन कर्मचारियों की कड़ी मेहनत एवं मदद की भावना से किया गया कार्य है l प्रदेश के इस महत्वपूर्ण अभियान में मिशन की टीम की उपयोगिता और सार्थकता साबित हो रही है l