मध्य प्रदेश

खेती-किसानी को उन्नत बनाने के उपायों की तलाश के लिए तीन दिनी कार्यशाला

भोपाल.
मध्यप्रदेश सरकार राज्य में खेती-किसानी को उन्नत बनाने के लिये सतत प्रयास कर रही है। इसी क्रम में 22 से 24 अगस्त को किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा डब्ल्यू.आर.आई. इण्डिया और फूड एण्ड लेण्ड यूज कोलिएशन (फोलू) इण्डिया के सहयोग से कार्यशाला की गई। कार्यशाला में कृषि को उन्नत बनाने के सर्वश्रेष्ठ उपायों की तलाश की गई। आयुक्त कृषि एम. सेलवेन्द्रन, एमडी मण्डी बोर्ड श्रीमन शुक्ला, डब्ल्यू.आर.आई इण्डिया की निदेशक डॉ. रुचिका सिंह, फोलू इण्डिया के कंट्री को-ऑर्डिनेटर डॉ. जयहरि के.एम., विभिन्न संगठनों के सदस्य और कृषि विभाग के 150 से अधिक अधिकारी शामिल हुए।

आयुक्त कृषि सेलवेन्द्रन ने कहा कि पूरे देश में सतत और उन्नत कृषि पद्धतियों के सफल मॉडल्स का परीक्षण करना और विशेष रूप से मध्यप्रदेश के लिये सर्वाधिक उपयुक्त पद्धतियों की पहचान करना कार्यशाला का उद्देश्य है। इन मॉडल्स में कृषि मूल्य श्रंखला से जुड़े विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। कार्यशाला में प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ाने के लिये किसानों को देशी गाय के पालन के लिये 900 रूपये अनुदान दे रही है। कार्यशाला में सिविल सोसायटी संगठनों, खाद्य एवं कृषि से जुड़े निजी संगठनों के साथ-साथ फोलू इण्डिया को प्रमुख साझेदारों के रूप में शामिल किया गया है। एमडी मण्डी बोर्ड शुक्ला ने कहा कि विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की सहभागिता से कृषि को उन्नत बनाने में सहायता मिलेगी। संगठनों ने भी अपने प्रेजेंटेशन दिए।

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