मध्य प्रदेश

नशामुक्त भारत अभियान में साढ़े 3 लाख कार्यक्रम के साथ मध्यप्रदेश सर्वप्रथम

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 6 संकल्पों में से एक "नशामुक्त समाज बनाओ'' और केन्द्र शासन के "नशामुक्त भारत अभियान'' में किये जा रहे प्रयासों से लोगों में काफी जागरूकता आई है। अभियान के मोबाइल एप पर मध्यप्रदेश द्वारा सर्वाधिक 3 लाख 54 हजार 150 से अधिक कार्यक्रमों की प्रविष्टियाँ की गई हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं।

मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में प्रदेश में 2 अक्टूबर 2022 से प्रदेशव्यापी नशामुक्ति अभियान शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। नशे के दुष्प्रभावों के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिये 30 जनवरी को मद्य निषेध संकल्प, 31 मई को विश्व तम्बाकू, 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस और 2 से 8 अक्टूबर तक मद्य निषेध सप्ताह का आयोजन हुआ। नशामुक्ति पर स्कूल-कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ वॉल-पेंटिंग, रंगोली, मैराथन, नुक्कड़ नाटक, रैली, मानव श्रंखला निर्माण आदि के आयोजन हुए। शराब और नशे की आदत से मुक्त हुए लोगों ने विभिन्न कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा किये, जिसका लोगों पर सकारात्मक प्रभाव हुआ।

दो हजार से अधिक बच्चे नशामुक्त

प्रदेश में संचालित नशामुक्ति केन्द्रों द्वारा 2179 बच्चों को नशामुक्त कराया गया। प्रदेश में 14 नशामुक्ति-सह-पुनर्वास केन्द्र, 3 कम्युनिटी बेस्ड पियरलेस सेंटर, 6 आउटरीच एण्ड ड्रॉप इन सेंटर, 6 नशामुक्ति-सह-पुनर्वास केन्द्र और 2 एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी सेंटर संचालित हैं। नशामुक्ति के लिये उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायत को एक लाख रूपये का पुरस्कार देने का प्रावधान है।

19 जिलों में संचालित है नशामुक्त भारत अभियान

नशामुक्त भारत अभियान में प्रदेश के 19 जिले शामिल हैं। ये जिले हैं भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, रीवा, सतना, ग्वालियर, दतिया, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सागर, मंदसौर, नीमच, देवास, मुरैना, धार और राजगढ़। अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये मध्यप्रदेश को राज्यों में और दतिया को जिलों में प्रथम पुरस्कार मिला है।

 

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