मध्य प्रदेश

कर्मचारियोंं को अवैधानिक नियुक्ति मामले में मुरैना के पूर्व कलेक्टर को क्लीनचिट

भोपाल

उच्च न्यायालय खंडपीठ के आदेश की मनमनने ढंग से व्याख्या  कर सात साल पहले जिला निर्वाचन कार्यालय में अस्थाई रूप से रखे गए दस कर्मचारियों को नियुक्ति देने वाले मुरैना के तत्कालीन कलेक्टर विनोद शर्मा को जांच में न केवल क्लीनचिट दी गई है बल्कि उन्हें पदोन्नति के लिए योग्य पाते हुए रिटायरमेंट के बाद अधिसमय वेतनमान में पदोन्नति देने का निर्णय भी लिया गया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्यप्रदेश कॉडर के 2003 बैच के अधिकारी विनोद कुमार शर्मा 19 अक्टूबर 2015 से 25 जून 2017 तक मुरैना में कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहे है। वर्ष 2014 में जिला निर्वाचन कार्यालय में निश्चित समयावधि के लिए नियुक्त हुए छह सहायक ग्रेड तीन और पांच भृत्यों में से  हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ के याचिका क्रमांक डबल्यू पी 7330/2014 में पारित 5 जुलाई 2016 के आदेश की मनमाने ढंग से व्याख्या करते हुए 12 अगस्त 2016 दस आवेदकों को विनोद शर्मा ने नियुक्ति प्रदान कर दी। उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 6 दिसंबर 2018 को आरोप पत्र जारी किए गए।

शर्मा ने मार्च 2029 से मई 2019 के बीच तीन बार इनका जवाब सहपत्रों के साथ दिया। प्रकरण का परीक्षण करने के बाद तत्कालीन कलेक्टर मुरैना विनोद शर्मा के विरुद्ध नियमित विभागीय जांच शुरु करने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया। इस मामले में अगस्त 2022 में रिटायर्ड मध्यप्रदेश कॉडर के 2000 बैच के आईएएस अशोक कुमार सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया था।

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