राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट खेमे को बड़ी राहत देते हुए यथास्थिति को बरकरार रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पीकर की अयोग्यता नोटिस पर रोक लगाने के अपने आदेश को बनाए रखा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि फिलहाल नोटिस पर कार्रवाई नहीं होगी। हाईकोर्ट आगे की सुनवाई जारी रखेगा और इसके लिए उसने कानून के सवालों को तय किया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 13 सवाल तय किए हैं।
1. सुप्रीम कोर्ट का किहोतो होलोहान 1992 का फैसला सिर्फ ‘क्रॉसिंग ओवर ‘ या दल-बदल को लेकर था या पार्टी के भीतरी असहमति पर भी आधारित था? 2. क्या वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में विशेष रूप से भारत के संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ और भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) द्वारा गारंटी प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 (1) (ए) उल्लंघन करता है और इस प्रकार शून्य है?
3. क्या पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जोरदार शब्दों में असहमति या मोहभंग की अभिव्यक्ति संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 (1) (ए) के दायरे में आने वाला आचरण हो सकता है?
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