इंदौर
पांच बार देश के सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुए इंदौर के खाते में एक और उपलब्धि आई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द 29 मार्च को दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020 में पश्चिम जोन में इंदौर सर्वश्रेष्ठ जिला रहा। इसी साल जनवरी में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने इन पुरस्कारों की घोषणा की थी। पश्चिम जोन में गुजरात के वडोदरा और राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का चयन संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान के लिए हुआ है। इंदौर की ओर से सांसद शंकर लालवानी यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।
यह पुरस्कार वर्ष 2020 में जल संरक्षण, जल स्रोतों के बचाव और वर्षा जल के संचय से भूजल स्तर बढ़ाने के उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है। इसमें इंदौर जिले में कनाड़ और गंभीर नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में चेक डैम, गांवों में खेत तालाब व पहाड़ियों पर कंटूर ट्रेंच के निर्माण, मनरेगा में किए गए पौधरोपण के अलावा नगर निगम क्षेत्र में नाला टेपिंग, सीवेज के ट्रीटमेंट के काम शामिल हैं।
कई मापदंडों पर खरा उतरा इंदौर – कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सेंट्रल ग्राउंडवाटर टीम द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए जिले का सर्वे किया गया था। इसमें कई मापदंडों पर इंदौर खरा उतरा। जल संरक्षण, वाटर रिसाइकलिंग, सीवरेज प्रणाली प्रबंधन आदि घटकों का टीम द्वारा अवलोकन किया गया था।
सर्वे टीम ने की प्रशंसा – सर्वे के दौरान टीम ने इंदौर नगर निगम द्वारा सभी सीवरेज प्लांट की टेपिंग, आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ट मल-जल को उपचार के बाद ही पयार्वरण में छोड़े जाने, वेस्ट-वाटर के पुन: उपयोग आदि गतिविधियों की प्रशंसा की। सर्वे में पाया गया कि इंदौर में 16 हजार निजी प्रतिष्ठानों में रूफटाप वाटर रिचार्जिंग इकाइयां लगाई जा चुकी हैं। इसी तरह 1500 शासकीय कार्यालयों में भी वाटर रिचार्जिंग यूनिट लगाई गईं थी। टीम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेत तालाब, चेक डैम निर्माण एवं जल संरक्षण उपायों से पानी के स्तर में बदलाव का भी आकलन किया गया।