राजनांदगांव : गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए अत्यंत आवश्यक है आयोडीन

० लखोली वार्ड में आयोडीन के फायदे बताकर किया जागरूक
राजनांदगांव। शरीर में आयोडीन की असंतुलित मात्रा की वजह से होने वाले रोगों से बचाव संबंधी उपायों के साथ जिले में आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण सप्ताह मनाया गया। इस दौरान आयोडीन का शरीर के लिए महत्व बताकर आयोडीन की कमी की वजह से होने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। लोगों को बताया गया कि, अच्छी सेहत के लिए शरीर में आयोडीन का संतुलित मात्रा में होना जरूरी है।
आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण सप्ताह के तहत 27 अक्टूबर तक जनजागरूकता कार्यक्रम किए गए। लोगों को यह बताने का प्रयास किया गया कि आयोडीन की कमी होने से कई तरह के रोग हो सकते हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए आयोडीन जरूरी पोषक तत्वों में से एक हैए इसके बावजूद लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण आयोडीन अल्पता विकार एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन गया है। इसी कड़ी में आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण हेतु लखोली वार्ड स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, मितानिनों व वार्ड पार्षद की मौजूदगी में स्थानीय लोगों को शरीर में आयोडीन की पर्याप्त उपलब्धता से होने वाले फायदे तथा आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बतायाः आयोडीन की कमी का सर्वाधिक असर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं पर होता है। गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना और जन्म लेने के बाद शिशु की मृत्यु होना आदि होते हैं। वहीं शिशु में आयोडीन की कमी से बौद्धिक और शारीरिक विकास समस्याएं जैसे मस्तिष्क का विकास धीमा होना, शरीर का कम विकसित होना, बौनापन, देर से यौवन आना, सुनने और बोलने की समस्याएं तथा समझ में कमी आदि समस्याएं होती हैं।
इस संबंध में सीएमएचओ राजनांदगांव डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने बतायाः आयोडीन अल्पता विकार एवं आयोडीन युक्त नमक एवं खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जनजागरूकता बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य के साथ जिले में आयोडीन अल्पता विकार निवारण सप्ताह मनाया गया। सभी विकासखंडों में भी 21 से 27 अक्टूबर के बीच वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण सप्ताह अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम किए गए। स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष रूप से आयोडीन युक्त नमक एवं खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जनजागरूकता के लिए बैनर-पोस्टर लगाए गए।
आयोडीन का महत्व
आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो मानव वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। आयोडीन बढ़ते शिशु के दिमाग के विकास और थायराइड प्रक्रिया के लिए अनिवार्य माइक्रो पोषक तत्व है। आयोडीन शरीर के तापमान को नियमित करता है, विकास में सहायक है और भु्रण के पोषक तत्वों का एक अनिवार्य घटक है। आयोडीन मन को शांति, तनाव में कमी, मस्तिष्क को सतर्क रखने और बाल, नाखून, दांत तथा त्वचा को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। शरीर में आयोडीन की कमी से मुख्य रूप से घेंघा रोग होता है।