छत्तीसगढ़

कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के बयान पर गरमाई सियासत, विष्णुदेव साय ने एनआईए को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ में अग्निपथ योजना का कांग्रेस विरोध कर रही है. प्रदेश के सभी 90 विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने सत्याग्रह किया. वहीं बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के बयान पर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने विक्रम मंडावी के खिलाफ एनआईए से जांच की मांग कर दी है और कांग्रेसी विधायक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है. 

विधायक विक्रम मंडावी का बयान सोशल मीडिया में वायरल

दरअसल सोमवार को बीजापुर के कांग्रेसी विधायक विक्रम मंडावी ने अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच जब वो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. तब उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते करते बोल गए कि जैसे बिहार में युवा गाड़ी जलाकर अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं, सब जगह इसी तरह से विरोध होना चाहिए. इसका एक वीडियो क्लिप भी अब सोशल मीडिया में वायरल होने लगा है. 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने की एनआईए जांच की मांग 

इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस मामले को लेकर एनआईए को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि अग्निपथ के विरुद्ध हिंसा भड़काने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर उपद्रव, तोड़फोड़, आगजनी हो रही है. इसलिए नक्सल हिंसा प्रभावित छत्तीसगढ़ राज्य के संवेदनशील क्षेत्र बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने अग्निपथ के विरोध में अन्य राज्यों की तरह आगजनी जैसी हिंसा करने का निर्देश अपने भाषण में दिया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि वे नक्सल हिंसा से जूझ रहे मासूम आदिवासियों को देश के खिलाफ हिंसा के लिए उकसा रहे हैं.

यह कृत्य स्पष्ट रूप से देशद्रोही है. देश की संपत्ति को आग लगाने का आह्वान करने वाले विधायक के खिलाफ एनआईए को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और देश में हुई हिंसा में कांग्रेस की भूमिका की जांच किया जाना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता ने किया पलटवार

बीजेपी के आरोपों और विक्रम मंडावी के बयान पर विधायक विक्रम मंडावी का अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है. वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ताओं से बातचीत करने पर वो भी इस मामले में बचते हुए नजर आए. कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि तीन कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान भी भाजपा नेताओं ने किसान आंदोलन में शामिल किसानों का चरित्र हनन करने का षड्यंत्र रचा जिसमें बीजेपी असफल रही. अब फिर एक बार भाजपा षड्यंत्र रच रही है. कांग्रेस अहिंसा के मार्ग पर चलकर विरोध कर रही है और केंद्र सरकार को इस योजना को हर हाल में वापस लेना होगा.

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