advertisement
रायपुर जिला

कोरिया : पैरादान बना महाभियान र्यावरण संरक्षण तथा पशुसेवा की ओर राज्य सरकार की अभिनव पहल पर कृषक बड़ी संख्या में पैरादान हेतु पहुंच रहे गौठान

कोरिया, 02 दिसम्बर 2022राज्य सरकार की अभिनव पहल पैरादान महाभियान के प्रति जिले के किसानों में उत्साह देखने मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पैरादान करने की अपील पर कृषक स्वयं गौठानो में बड़ी संख्या में पैरा लेकर पहुंच रहे हैं। पहले जहां धान कटाई के पश्चात पैरे को जला दिया जाता था, जिससे पर्यावरण को क्षति होती थी, वहीं आज ये पशुओं के लिए चारे और जैविक खाद निर्माण के रूप में काम आ रहा है।जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया तथा मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के कुल 363 ग्राम पंचायतों में 328 गौठान हैं। शुरुआत में किसानों को पैरादान हेतु जानकारी दी गई तथा मैदानी अमले द्वारा पैरादान के फायदे के विषय मे बताकर प्रेरित किया गया। किसानों की सुविधा की पर्याप्त व्यवस्था तथा पैरा संग्रहण हेतु गौठानो में मचान भी निर्मित किए गए हैं। अब तक किसानों द्वारा गौठानो में 2 हजार 139 क्विंटल पैरे का दान किया गया है। जिसमें विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के कुल 88 ग्राम पंचायतों में स्थित 68 गौठानो में 516 क्विंटल, विकासखण्ड सोनहत के कुल 42 ग्राम पंचायतों में स्थित 40 गौठानो में 435 क्विंटल, विकासखण्ड खड़गवां के कुल 77 ग्राम पंचायतों में स्थित 74 गौठानो में 360 क्विंटल, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के कुल 72 ग्राम पंचायतों में स्थित 71 गौठानो में 466 क्विंटल तथा विकासखण्ड भरतपुर के कुल 84 ग्राम पंचायतों में स्थित 75 गौठानो में 362 क्विंटल पैरादान किया गया है।गौरतलब है कि खरीफ फसलों के बाद रबी फसल की तैयारी हेतु पराली को जला देना एक अनियंत्रित दहन प्रक्रिया है, जिसके कारण कई प्रकार के ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता का हनन, मानव व पशुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा, कार्बन का नुकसान, भूमि की उर्वरा शक्ति का नाश, भूमिगत सूक्ष्म जीव एवं लाभप्रद जीवों की मृत्यु हो जाती है। भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होने के कारण फसलों का उत्पादन भी कम हो जाता है। सुराजी ग्राम योजना के तहत निर्मित गौठानो में पैरादान से यह समस्या दूर हो रही है। पैरा दान से पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य के साथ ही जैविक खाद निर्माण, मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता भी आसान हुई है।

Advotisment

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button