महासमुंद : नमूने लेने हो या देने को कोरोना संदिग्ध को समझाईश- सीखें निकुलाश सिंह से
जिले के कोरोना वाॅरिसर्स की सूची में सबसे पहले लैब टैक्निीशियन श्री निकुलाश सिंह का नाम आता है, क्योंकि पचास से अधिक के स्वैब नमूने एकत्र करने सहित संदिग्धों को दी जाने वाली समझाईश के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के चलते वे अपने आला अधिकारियों सहित जिला पंचायत सीईओ से भी शाबाशी ले चुके हैं
जिले में जारी है कोरोना से लड़ाई अब तक जिले में एक भी प्रकरण संक्रमित नहीं मिला है। लेकिन अब तक चार हजार 848 संदेहियों को क्वारंटीन कर जांच के लिए कुल 289 नमूने लिए जा चुके हैं। ऐसे में जहां दुनिया भर में कई स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों सहित अनुभवी चिकित्सकों के भी कोविड 19 के फेरे में पड़ जाने की सूचनाएं हैं। वहीं, पर्सनल प्रोटेक्शन किट पहन कर संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग में जुटे योद्धाओं में कुछ ऐसे नाम भी शुमार हैं, जिन्हें संक्रमित होने का भय बिल्कुल भी नहीं सताता।
हम यहां बात कर रहें हैं श्री निकुलाश सिंह की जो जिला चिकित्सालय में बतौर लैब टैक्निीशियन के पर पर पदस्थ हैं। इन दिनों उनकी ड्यूटी कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम दल में स्वैब के नमूने एकत्र करने में लगी है। बता दें कि जिले भर से एकत्र किए गए लगभग 300 पहुंच रहे इन नमूनों में पांच दर्जन यानी तकरीबन 50 से अधिक प्रकरणों में काम श्री सिंह ने किया है। उनकी कार्य प्रणाली में सतर्कता एवं संदिग्ध मरीजों को दी जा रही समझाईश के कौशल में उत्कृष्ठ प्रदर्शन को देखते हुए एक और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा.ॅ रवि मित्तल जो कि स्वयं भी एक चिकित्सक हैं ने उनकी काफी सराहना की है। वहीं विभागीय के अफसरों में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल भी उनकी हौसला-अफजाई कर रहे हैं। ऐसे में श्री सिंह भी कोरोना विरुद्ध लड़ाई में पूरे मन और लगन से निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहें हैं। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि इनसे प्रोत्साहित एवं निर्भय होकर अन्य कोरोना वाॅरियर्स भी अच्छी सेवा प्रदाय करने की दिशा में लगे हुए हैं।
लेते हैं बस दो मिनट
श्री निकुलाश सिंह ने बताया कि इस दौरान वे पर्सनल प्रोटेक्शन किट सहित सुरक्षित उपकरण उपयोग में लाते हैं। नमूना एकत्र करने के लिए वे सिर्फ दो से पांच मिनट का समय लेते हैं। जिसमें संदिग्ध मरीज को उनके मुंह और नाक के स्वैब के संबंध में जानकारी देते ही नमूने का कोल्ड केयर मेंटेन करने तक की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। बाद में उसे जांच के लिए राजधानी रायपुर स्थित एम्स के चिकित्सालय में भेज दिया जाता है।