छत्तीसगढ़महासमुन्द जिला

CG : बच्चे मोबाईल की लत से दूर रहें

महासमुंद। नए शिक्षण सत्र की शुरुआत आज हो गई है। नवप्रवेशित बच्चों को स्कूलों में तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया। जहां बच्चे उत्साह के साथ शाला में प्रवेश किए। जिले के सभी ब्लॉक में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। इसी क्रम में आज प्राथमिक शाला बेमचा में शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया। यहां गणवेश, पुस्तक और नवप्रवेशी बच्चों को तिलक, रोली लगाकर स्वागत किया गया।

इस अवसर मुख्य अतिथि कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, जिला स्काउट गाइड के अध्यक्ष येतराम साहू, जनपद सदस्य श्रीमती संगीता चंद्राकर, सरपंच देवेन्द्र चंद्राकर, आनंद साहू, राहुल चंद्राकर, रविकांत चंद्राकर, डीएमसी रेखराज शर्मा सहित स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक, बच्चे और पालकगण उपस्थित थे।

इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत स्कूल परिसर में अतिथियों द्वार पौधरोपण किया गया। कलेक्टर लंगेह ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया और विद्यालय जीवन की नई शुरुआत के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे, यह हम सभी की जिम्मेदारी है।

उन्होंने पालकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु संकल्प लें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि मध्याह्न भोजन योजना से कोई भी बच्चा वंचित न हो, और गणवेश वितरण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न की जाए। कलेक्टर ने शाला विकास समिति एवं पालकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सतत निगरानी करने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों से मोबाइल और टीवी से दूर रहने की समझाइश दी। स्कूल प्रबंधन को समय पर शाला खोलने, मध्यान्ह भोजन देने और नि:शुल्क गणवेश वितरण के लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला स्काउट गाइड के अध्यक्ष येतराम साहू ने कहा कि शाला प्रवेशोत्सव से बच्चों के मन में उत्साह का संचार होता है।

राज्य सरकार प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क पुस्तकें और गणवेश उपलब्ध कराती है ताकि स्कूल खुलने के पहले दिन से ही बच्चे अध्ययन में जुट जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल ही बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक समुचित वातावरण प्रदान करता है। आज शाला प्रवेशोत्सव के पहले दिन बच्चों सहित उनके माता-पिता को भी बधाई देता हूं और सभी शिक्षकों से आशा करता हूं कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें समाज में एक नई पहचान दिलायेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में यह परंपरा रही है कि हर खुशियों को त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इसी तरह शाला प्रवेश भी एक उत्सव की तरह मनाया जाए। ताकि स्कूल का पहला दिन बच्चों को जीवन भर याद रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर सभी बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले यह सुनिश्चित किया जाए।

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