लॉकडाउन- पैसे की तंगी के कारन फ्रिज बेचकर बच्ची के लिए लाया दूध, CRPF ने पहुंचाया राशन
दंतेवाडा. छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायत हारम में 75 वर्षीय वृद्ध को पैरालाइसिस हुआ, जिसकी देख रेख करने उनकी नाती मयूरी और उसके पति चरण घर पहुंचे. मयूरी बताती हैं कि कोरोना काल में लॉकडाउन हुआ और सब स्थिर हो गया. घर में जो जमा पूंजी थी खत्म हो गई पेशे से चरण बस ड्राइवर है. लॉकडाउन में बस के पहिये थम गए तो चरण के पास कोई काम नहीं बचा न ही पैसे. 7 माह की बच्ची के लिए दूध और घर में राशन की किल्लत होने लगी तो घर में बेचने लायक एक फ्रिज था, जिसे औने पौने दाम में मात्र 2000 रुपये में बेच दिया. फिर बच्चे के लिए दूध और घर मे राशन आ पाया.
मयूरी शर्मा ने हालांकि ये जरूर कहा कि उन्हे लॉकडाउन के दरमियान एक बार राशन सामग्री मिली है. मीडिया में खबर आते ही बीते शनिवार को सीआरपीएफ डीआईजी डीएन लाल ने मानवता दिखाते हुए आर्थिक तंगी से जूझ रही ग्राम हारम के वृद्ध परिवार के घर पहुचकर राशन राहत सामग्री देकर अपना मोबाइल नम्बर भी दिया और हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिलाया.
डीआईजी डी. एनलाल चरण और मयूरी शर्मा को 1 महीने का राशन का वितरण किया और अपना नम्बर देते हुए कहा कि कोई भी दिक्कत होने पर तत्काल फोन कर बताए आपकी मदद की जाएगी. लॉकडाउन के कारण खासकर गरीब परिवारों को बहुत अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. ऐसे ही कुछ परिवार गीदम नगर में भी दिक्कतों का सामना कर अपना पेट पालने को मजबूर थे, कोई उधारी लेकर अपना जीवन यापन कर रहा है या किसी को घर का सामान बेचना पड़ा. दूसरी तरफ ग्राम पंचायत हारम के सरपंच पति मनीष सुराना ने राशन न मिलने की बात को खारिज करते हुए कहा कि इनको राहत सामग्री पहले भी दी जा चुकी है. इनके यहां की फ्रिज में खराबी की वजह से फ्रिज बेचा गया राशन सामग्री की कोई बात ही नहीं है.