वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते वर्ष 2020 उद्योग कारोबार पर काली छाया की तरह से रहा। साल के आठ महीने इस महामारी के चलते कारोबार व व्यापार जबर्दस्त प्रभावित रहा। पहले लॉक डाउन के चलते औद्योगिक इकाईयां और बाजारों में बड़े छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहने से हजारों नौकरियां चली गई वहीं करीब एक हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हो गया। नवंबर के त्योहारी सीजन से हालात सुधरने लगे हैं।
लोगों के मन में कोरोना का डर कम हुआ है। उपभोक्ताओं की भीड़ बाजार में निकलने लगी हैं। औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर उत्पादन अपनी लय पकड़ने लगा है। लॉक डाउन से पूर्व फरवरी माह में जिस स्तर पर फैक्ट्रियां चल रही थी अब उसी स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि उपभोक्ताओं पर मंहगाई की मार पड़ रही है। लोहा और पेपर इंडस्ट्रीज में करीब बीस प्रतिशत दाम बढ़ गए हैं। वहीं कई अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में भी तेजी है। हालांकि जिले की चीनी पूरे साल अपनी मिठास बिखेरती रही। लॉक डाउन व कोरोना काल में जिले में चीनी का सर्वाधिक उत्पादन हुआ।
2020 जब शुरू हुआ था तो सबकुछ सामान्य था। किसी को सपने में भी उम्मीद नही थी कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी इतनी तेजी से फैलेगी कि अमीर गरीब सभी को घरों में लॉक डाउन के चलते कैद होना पड़ेगा। मुजफ्फरनगर में लॉक डाउन के पहले महीने तो उद्योग व्यापार कारोबार सब कुछ बंद रहा। सरकार ने कुछ शर्तो पर औद्योगिक इकाइयो को उत्पादन की छूट दी। इस दौरान बिना किसी खौफ के जिले का चीनी उद्योग व गुड़ उद्योग ही उत्पादन करता रहा। गन्ने के खेतों की गतिविधि कोरोना से प्रभावित नही रही।
इसी कारण जिले की चीनी मिलों ने रिकार्ड 10.57 करोड कुंटल गन्ने की पेराई कर 122 लाख कुंटल चीनी का उत्पादन कर दिया। हालांकि पेपर उद्योग को पटरी पर लौटने में करीब छह सात महीने का समय लगा। अब पेपर मिलों में उत्पादन पहले की तरह से होने लगा है। लोहा इंडस्ट्रीज भी अपनी चमक बिखेर रही है। उद्यमियों के मन में जहां इंग्लैंड में रंग बदलते कोरोना स्टेन को लेकर डर है वहीं वैक्सीन आने की संभावनाओं के चलते 2021 में उद्योग के पूरी तरह से पटरी पर लौटने की आस भी है।
उम्मीदों के साथ मन में डर बरकरार है
कोरोना काल में उद्योग पूरी तरह से बंद हो गए थे लेकिन सरकार के प्रोत्साहन के चलते औद्योगिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से अपना उत्पादन करने लगे हैं। हालांकि कच्चे माल और तैयार माल के दाम पहले की अपेक्षा कुछ अधिक हैं। इसके साथ ही इंग्लैंड और अन्य देशों में कोरोना स्टेन की जो खबर आ रही है उससे मन में डर भी है। उम्मीद है कि 2021 के शुरूआत से ही वैक्सीन आ जाएगी और पूरा उद्योग जगत पटरी पर लौट आएगा।
अनिल तायल
उद्यमी स्टील्स इंडस्ट्रीज
लोहा इंडस्ट्रीज पहले के मुकाबले बेहतर
लोहा इंडस्ट्रीज ने कोरोना काल से उबरकर फिर से अपना मुकाम पा लिया है। लॉक डाउन लगने से पूर्व फरवरी 2020 में लोहा इंडस्ट्रीज जिस स्तर पर थी आज उससे कहीं अच्छे स्तर पर है। ऐसा नही लगता कि अब इस इंडस्ट्रीज पर कोई प्रभाव वैश्विक बीमारी का रह गया हो। उम्मीद है कि 2021 में और अच्छा उत्पादन व कारोबार इंडस्ट्रीज को मिलेगा
सतीश गोयल, टिहरी स्टील्स ग्रुप
मुजफ्फरनगर में चीनी उद्योग तो कोरोना काल में प्रभावित नही हुआ था लेकिन पेपर और इस्पात इंडस्ट्रीज को पुन: पटरी पर लाने में काफी परेशानी थी। अब दिसंबर माह में जिले के इन दोनों उद्योगों ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली है। उम्मीद है कि 2021 के शुरूआत से ही कोरोना वैक्सीन के चलते इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएंगा और उद्योग सरकारी प्रोत्साहन से अपना भरपूर उत्पादन कर देश के विकास में अपना योगदान तेजी से देंगे।
भीमसैन कंसल, सिद्धबली ग्रुप
फुटकर कारोबार प्रभावित रहा था
जहां कोरोना काल में मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े उद्यमी और थोक कारोबारी प्रभावित रहे थे वहीं फुटकर कारोबारी उपभोक्ताओं के बाजार से दूरी बनाने और केवल जरूरी वस्तुओं की खरीददारी तक सीमित होने के कारण काफी परेशानी में आ गए थे। जो किराए पर दुकान करते थे उनके लिए किराया निकालना मुश्किल हो गया था। अब कारोबार पटरी पर लौट रहा है। उम्मीद है कि कारोबार सुधरने की यही रफ्तार 2021 में कायम रहेगी।
राहुल गोयल, सचिव भगत सिंह रोड व्यापार संघ
2021 से सभी को सकारात्मक उम्मीदें
जिले में कोरोना काल के चलते एक हजार करोड रुपए से भी अधिक का कारोबार 2020 में प्रभावित हो गया था। नौकरियां चली गई। कई फर्म बंद हो गई। कुछ आत्महत्या भी सामने आई। अब उद्यमियों और कारोबारियों एवं व्यापारियों का कहना है कि आने वाले साल 2021 से काफी उम्मीदे है। 2020 कई जान लेने और कई फर्मो को बंद करने के बाद बीतने जा रहा है पटरी पर लौटते व्यापार कारोबार को लेकर आने वाले साल 2021 से अच्छे कारोबार की उम्मीद है।