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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

गंभीर बताकर किया रेफर, अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय कोविड सेंटर में डाला, मौत

अंबागढ़ चौकी । कोरोना संक्रमण की रफ्तार प्रशासन की तैयारियों पर भारी पड़ रही है। ब्लाक के कोविड सेंटर में अव्यवस्था का आलम है। कोविड सेंटर में भर्ती संक्रमित मरीजों को देखने के लिए चिकित्सक पहुंच रहे हैं और न ही कर्मचारी। यही वजह है कि इलाज के अभाव में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। ग्राम खोर्राटोला निवासी 60 वर्षीय शुकलाल खरे की अचानक तबीयत बिगड़ी। स्वजन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां एंटीजन से कोरोना की जांच की गई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। वहां मौजूद चिकित्सा स्टाफ व ब्लाक मेडिकल आफिसर (बीएमओ) डा. आरआर ध्रुवे ने बताया कि शुकलाल को सांस लेने में तकलीफ है। उन्हें जिला अस्पताल राजनांदगांव रेफर कर दिया गया। लेकिन मरीज को डोंगरगांव पहुंचने से पहले ही रास्ते से वापस चौकी लाकर वार्ड एक मेरेगांव स्थित कोविड केयर सेंटर में डाल दिया गया, जहां कुछ देर बाद शुकलाल की मौत हो गई।

मृतक के बेटे नोवेंद्र व जितेंद्र खरे ने बताया कि उनके गंभीर पिता को कोविड केयर सेंटर में डाल दिया गया, जहां न कोई आक्सीजन बेड है न अन्य चिकित्सीय सुविधा। इलाज के अभाव में उनके पिता की मौत हो गई। स्वजनों ने आरोप लगाया कि शुकलाल की मौत कोरोना से नहीं, बल्कि बीएमओ व बीपीएम की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग की बीमार व्यवस्था से हुई। स्वजनों ने बीएमओ व बीपीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि अन्य मरीजों के साथ ऐसा न हो। मृतक के स्वजनों का आरोप है कि अंबागढ़ चौकी के कोविड केयर सेंटर में बीमारों का उपचार नहीं किया जा रहा है। भर्ती करने के बाद केवल दवाई दे दी जाती है। फिर मरीज की पूछपरख नहीं होती। जरूरत की दवाइयां एवं चिकित्सकीय सुविधाए नहीं दी जाती।

चार दिनों से नहीं पहुंचा डाक्टर शनिवार से पुनः शुरू हुए कोविड केयर सेंटर को लेकर गंभीर शिकायतें हैं। यहां भर्ती मरीजों के अनुसार उनकी स्थिति जेलो में बंद कैदियों एवं कांजी हाउस के मवेशियों से भी बदत्तर है। खाने में मोटा चावल दिया जाता है। सब्जी का कोई ठिकाना नहीं है। रोटियां कच्ची व अधपकी होती हैं। नाश्ता का अता-पता नही है। मरीजों का हालचाल जानने डाक्टर तो दूर, स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी भी नहीं पहुंचा। बीते 96 घंटे से कोई डाक्टर पहुंचा नहीं है। बस, दो टाइम खाना दे दिया जाता है। भर्ती होने वाले को पहले दिन दवाइयां दी जाती हैं, वह भी हाथ में नहीं, फेंककर।

भर्ती मरीजों ने कहा घर जाना है मेरेगांव कोविड केयर सेंटर में वर्तमान में 55 मरीज भर्ती हैं। बुधवार की रात को इस सेंटर के गेट के बाहर से मरीजों से बात करने पर उन्होंने कहा कि हमें छुट्टी दिला दीजिए, अपने घर जाना है। यहां न मरीजों का उपचार किया जा रहा है न ही देखरेख। यहां इलाज के लिए लाया गया है, पर इलाज ही नहीं हो रहा है। कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है, लोगों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे अच्छा है कि अपने घर में रहें, जीएं या मरें। बस, यहां से मुक्ति दिलवाइए।

मृतक के स्वजनों ने शिकायत की है। मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -एचएन खुंटे, तहसीलदार

जिला अस्पताल में बेड नहीं होने के कारण मरीज को रास्ते से लौटाकर चौकी लाया गया और कोविड केयर सेंटर में रखा गया था। वहां उसकी अचानक तबीयत बिगडी और मृत्यु हो गई। -डा.आरआर ध्रुवे, बीएमओ, अंबागढ़ चौकी

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