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बेटी की मौत का सदमे बर्दाश्त नहीं कर सके दंपती, मां 29 तो पिता ने 31 को की आत्महत्या

जामताड़ा जिला की सीमा पर स्थित पश्चिम बंगाल के सलानपुर थाना क्षेत्र स्थित जेमारी में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर किसी का भी हृदय मर्माहत हो जाएगा। अपनी 8 वर्षीय मासूम बेटी टुकु की मौत के बाद उसके माता पिता ने सदमे में आकर आत्महत्या कर ली। माता-पिता अपनी छोटी बेटी की आकस्मिक मृत्यु का शोक सहन नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से दाेनाें डिप्रेशन में थे। इस दुखद घटना से सालानपुर प्रखंड के जेमारी गांव में मातम का माहौल है। मृतक रंजन की पत्नी हाई स्कूल की शिक्षिका थी।

रंजन, उनकी पत्नी और उनकी इकलौती बेटी टुकु उलुबेरिया गांव में रहते थे। दोनों ही अपनी बेटी से बेहद प्यार करते थे और एक पल भी उसे अपने आंखों से दूर नहीं होने देते, उसकी हर ख्वाइश पूरा करते थे। बेटी को जान से भी बढ़ कर अपनी जिंदगी समझते थे। ज्ञात हो कि डेढ़ महीने पूर्व रंजन अपने परिवार के साथ पूजा करने के लिए मंदिर गया था। मंदिर के पास ही सड़क पर तेज रफ्तार बस ने रंजन की बेटी को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में 8 वर्षीय टुकु की दर्दनाक मौत हो गई थी।

श्मशान घाट पर बेटी के लिए ले जाते थे चाकलेट व खिलाैना
लेकिन रंजन और उनकी पत्नी अपनी प्यारी इकलौती बेटी की मौत के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। वे अक्सर उस श्मशान घाट में जाते, अपने साथ पटाखे, चॉकलेट, खिलौना, बेटी टुकु का पसंदीदा खाना साथ लेकर जाते और कुछ देर वहां बिताने के बाद श्मशान में उक्त सामान छोड़ कर वापस लौट आते थे। यह सिलसिला अक्सर जारी था। परिवार के साथ साथ गांव वाले भी दोनों को अक्सर समझाया बुझाया करते थे। इस परिवार के साथ गांव वालों का अच्छा रिश्ता था। बेटी की मौत के बाद घर का माहौल में पूरी तरह से बिगड़ चुका था।

परिवार वालों के समझाने के बाद श्राद्ध कर्म के लिए वे बिहार के गया जिला जाकर श्राद्ध कर्म पूरा किया था। इसके बावजूद भी रंजन और उसकी पत्नी बेटी को याद कर हमेशा रोते रहते थे। रंजन की पत्नी और हमेशा कहती रहती थी कि मुझे बेटी टुकु के पास ही जाना है और अन्ततः 29 जुलाई को रंजन की पत्नी ने घर पर ही आत्महत्या कर ली।

उलुबेरिया पुलिस ने रंजन से हादसे के बारे पूछताछ की तो पुलिस को घटना के पीछे की जानकारी मालूम हुई। पहले बेटी उसके बाद पत्नी के यू गुजर जाने से रंजन पूरी तरह से टूट गया। 30 जुलाई को पत्नी का अंतिम संस्कार काफी सदमे के बीच किया। पहले अपनी बेटी, फिर अपनी पत्नी को अचानक खो देने के सदमे से नहीं निकल पाया और उसने भी 31 जुलाई की रात 10 बजे जेमारी में ही आत्महत्या कर ली।

पिता के सुसाइड नाेट में बेटी का बार-बार जिक्र

उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें बार-बार बेटी टुकु के जाने का जिक्र है। सालानपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। इस तरह की ह्रदय विदारक घटना से जेमारी के लोग पूरी तरह से स्तब्ध है। लोगों के मुताबिक दम्पत्ति बहुत ही जिंदादिल थे। रंजन और उसकी पत्‍नी गांव में सबके साथ घुले मिले रहते थे।

रंजन और उनकी पत्नी चित्तरंजन के देशबंधु महाविद्यालय में एक साथ पढ़ाई की थी। उसके बाद विवाह बंधन में बने थे। वे दोनों अपनी बेटी को लेकर उत्साहित थे। बेटी की अचानक हुई मौत से पूरे परिवार की सांसें थम गई। इस घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है।

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