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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

 राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन के  चरणबद्ध आंदोलन एवं हड़ताल के कारण वेतन में 16 प्रतिशत का वृद्धि हुआ है


राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहारे का कहना है कि कर्मचारियों के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन एवं हड़ताल के कारण 6 माह में महंगाई भत्ते में 16 प्रतिशत का वृध्दि हुआ है। साथ ही सातवे वेतनमान के एरियर्स का 5वां किश्त राज्य शासन ने दिया है, जो कि 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017 का है।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने महँगाई भत्ता में 1 मई 22 से 5 प्रतिशत, 1 अगस्त 22 से 6 प्रतिशत तथा 1 अक्टूबर 22 से 5 प्रतिशत कुल 16 प्रतिशत का वृध्दि किया है। जिसके कारण सातवे वेतनमान के मूलवेतन में 20000 रूपये के वेतन में मई 2022 से अक्टूबर 2022 तक न्यूनतम 3200 रूपये का वृद्धि हुआ है। इसी प्रकार 30000 रूपये में 4800 रूपये, 40000 रूपये में 6400 रूपये, 50000 में 8000 रूपये 60000 रूपये में 9600 रूपये, 70000 में 11200 रूपये, 80000 में 12800 रूपये, 90000 में 14400 रूपये, 100000 में 16000 रूपये, 110000 में 17600 एवं मूलवेतन 120000 रूपये के आसपास वेतन पाने वाले अधिकारियों के वेतन में 19200 रूपये का इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल 22 के स्थिति में राज्य के कर्मचारी-अधिकारी को मिलने वाला 17 रूपये महंगाई भत्ता 1 मई 22 से 22 प्रतिशत, 1 अगस्त 22 से 28 प्रतिशत एवं 1 अक्टूबर 22 से 33 प्रतिशत हुआ है। हालांकि राज्य शासन के कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय मांगपत्र के मुद्दों में केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं सातवे वेतन में ग्रहभाड़ा के मांग पर लंबा आंदोलन-हड़ताल किया है। राज्य शासन ने कर्मचारियों के मांग को ध्यान में रखते हुए दिवाली महापर्व 2022 के अवसर पर 1 जनवरी 2016 से लागू हुए सातवें वेतनमान के एरियर्स का 5वां किश्त स्वीकृत किया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती शासन ने पुनरीक्षित वेतनमान 2017 के अंतर्गत 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक 18 माह के बकाया वेतन के एरियर्स का भुगतान 6 किश्तों में करने का निर्णय लिया था। जिसमें अब 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 तक का अंतिम किश्त बकाया है, लेकिन गृहभाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान में पुनरीक्षित नहीं किया था। राज्य के कर्मचारियों को आज पर्यन्त छठवें वेतनमान के वेतन पर 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत क्षेत्र वर्गीकरण अनुसार गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से सातवे वेतन का 16 प्रतिशत एवं 8 प्रतिशत तथा 1 जुलाई 2021 से 18 प्रतिशत एवं 9 प्रतिशत पुनरीक्षित गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से अब तक 82 माह में पुराने 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत दर में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को न्यूनतम 78146 रूपये एवं 54694 रूपये तृतीय वर्ग कर्मचारी को 177366 रूपये एवं 124148 रूपये, द्वितीय वर्ग को 281014 रूपये एवं 196718 रूपये तथा प्रथम वर्ग को 593598 रूपये एवं 415494 रूपये का आर्थिक क्षति हो गया है, जो कि सातवें वेतनमान के पुनरीक्षित दर क्रमशः 16 प्रतिशत एवं 8 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत एवं 9 प्रतिशत में और अधिक होगा। उन्होंने एक वक्तव्य लड़ाई लड़नी पड़ेगी और लड़ोगे तभी जीतोगे, बिना लड़ाई के कोई जीत होती है क्या? का पूर्ण समर्थन किया है।

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