ईडी और आइटी की कार्रवाई के बीच अब कांग्रेस छह घोटालों को लेकर भाजपा को घेरने जा रही है। कांग्रेस ने महादेव एप, नान घोटाला, शौचालय घोटाला, चिटफंड घोटाला, रतनजोत घोटाला और उज्जवला घोटाले को लेकर सवाल किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इन घोटालों को लेकर ईडी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव एप के नाम पर सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की संपत्ति कई गुना बढ़ी, ईडी इसकी कब जांच करेगी? महादेव एप तथा अन्य अनेक आनलाइन गेमिंग एप पूरे देश में चल रहे हैं। भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव एप घोटाले में भाजपा के शक्तिशाली व्यक्ति शामिल हैं। ईडी द्वारा भाजपाइयों को बचाने के षड्यंत्र की आड़ में मेरे निकट सहयोगियों एवं घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पुलिस अधिकारियों को फंसाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य कार्यक्रम-5 में यह जानकारी दी गई है कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 73.5 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय है। रमन सिंह के कार्यकाल में ही पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित किया जा चुका था।
इसका अर्थ यह है कि राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के शत् प्रतिशत परिवारों के पास शौचालय की सुविधा हो चुकी है। एक अनुमान के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की संख्या लगभग 50 लाख है। उनमें से 26.5 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय नहीं है। एक शौचालय की लागत 12,500 है। इसका अर्थ यह है कि लगभग 1500 करोड़ के शौचालय सिर्फ कागजों पर बने हैं। पूरी राशि को भाजपाइयों ने बंदरबांट कर ली है।
फिर निकला नान घोटाले का जिन्न
मुख्यमंत्री ने कहा कि नान घोटाले में सीएम सर और सीएम मैडम को समय-समय पर बड़ी राशि देने के दस्तावेज हैं। वे दस्तावेज भी रमन सिंह के कार्यकाल में हुई जांच में बरामद हुए हैं। रमन सिंह एवं उसके परिवार की संपत्तियां 2008 से 2018 के बीच 18 गुना बढ़ने की जानकारी स्वयं रमन सिंह एवं अभिषेक सिंह ने दी है। ईडी को फिर से प्रकरण की जांच के लिए सौंपा जाना चाहिए।
चिटफंड घोटाले पर भाजपा को घेरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में रमन सिंह, उनके मंत्रियों एवं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संरक्षण एवं उनकी भागीदारी में राज्य के लाखों गरीब परिवारों की जिंदगी भर की खून-पसीने की कमाई को सैकड़ों करोड़ की राशि चिटफंड कंपनियों ने लूटी थी।
रमन सिंह के संरक्षण के कारण ही चिटफंड कंपनियां राज्य वासियों को लूट कर आसानी से राज्य से फरार हो गईं। इसकी जांच ईडी क्यों नहीं कर रही। रमन सरकार के कार्यकाल में रतनजोत लगाने के नाम पर सैकड़ों करोड़ खर्च किए गए थे। नारा दिया गया था कि अब डीजल गाड़ी से नहीं बल्कि बाड़ी से मिलेगा। उन पेड़ों से नाम मात्र का ही डीजल प्राप्त हुआ था।
एनएचएफएस-5 के अनुसार छत्तीसगढ़ के मात्र 19.5 प्रतिशत परिवारों के पास उन्नत कुकिंग गैस सुविधा है, जिसमें बायोगैस के चूल्हे भी शामिल हैं। 19.5 प्रतिशत परिवारों में से अनेक परिवार ऐसे हैं, जिनके पास निजी कनेक्शन है तथा उज्जवला के हितग्राही नहीं है। उज्जवला हितग्राही भी सिलेंडर महंगा होने के कारण रिफिल नहीं करा पा रहे। योजना पूरी तरह से असफल है। सिर्फ पैसे की बर्बादी हुई है।