राजनांदगांव : नाबार्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में किया जा रहा महत्वपूर्ण कार्य
– आधुनिक कृषि, जल संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, एफपीओ, कोर बैंकिंग सॉल्यूशन के माध्यम से किए जा रहे विकासात्मक कार्य
– कृषि, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को मिल रहा बढ़ावा
राजनांदगांव। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने राजनांदगांव में विभिन्न विकासात्मक पहल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन पहल का उद्देश्य कृषि, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। कृषि क्षेत्र विकास के लिए नाबार्ड के कृषि क्षेत्र संवर्धन निधि के तहत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे फसल उत्पादन में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मूंग, मक्का, कपास और सरसों जैसे नई फसलों का उत्पादन हो रहा है, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ है। जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए विभिन्न जलसंभर विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनसे 118650 हेक्टेयर क्षेत्र में जल एवं मृदा संरक्षण हो रहा है और शिवनाथ नदी के जल स्तर में सुधार हुआ है। नाबार्ड के जनजातीय विकास निधि (टीडीएफ) के तहत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर उसमें फलदार वृक्षों जैसे आम, कटहल, नींबू और अमरूद तथा सब्जियां की बाड़ी बनाई गई है, जिससे कई किसान परिवारों की आय में वृद्धि हुई है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ने महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन और समर्थन किया है, जिससे नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है और महिलाओं को रोजगार मिला है। नाबार्ड ने राजनंदगांव जिले में 4 एफपीओ का गठन कर उनको सशक्त बनाने में प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे 2500 किसान को फायदा मिला है। ग्रामीण विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व को जानकार आरआईडीएफ अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों, पुलों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचन, परिवहन और संचार सुविधाओं में सुधार हुआ है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे कई ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिला है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित परियोजना के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य पीएसीएस को कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) वातावरण में एकीकृत करना है, जिससे सेवा वितरण में वृद्धि होगी और किसानों को लाभ होगा। जिले के सभी 74 पैक्सों का पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा, सहकारिता मंत्रालय की सहकार-से-समृद्धि योजना के तहत, नाबार्ड जिले में बहुउद्देशीय पैक्स स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य इन जमीनी स्तर की सहकारी समितियों को उनकी सेवाओं में विविधता लाकर और उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करके गतिशील आर्थिक संस्थाओं में बदलना है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारी मनोज कुमार नायक, जिला विकास प्रबंधक ने कहा कि उनके प्रयासों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा देना है और वे किसानों, महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नाबार्ड द्वारा जिले में समृद्धि और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और भविष्य में भी इसी तरह के प्रयासों के माध्यम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।