राजनांदगांव : शादी सीजन शुरू, मार्च 2025 तक हैं 50 से ज्यादा मुहूर्त
राजनांदगांव दिवाली पर्व के 11 दिनों बाद मंगलवार को देवउठनी एकादशी पर गन्ने के मंडप में तुलसी विवाह रचाया गया। बाजार में गन्ने सहित पूजन सामग्री की जमकर बिक्री हुई। देव उठनी एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। नवंबर और दिसंबर 2024 के शुभ मुहूर्तों में शादियां होगी। वहीं मार्च 2025 तक 50 से ज्यादा मुहूर्तों में जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। शादियों का सीजन लगते ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। मांगलिक भवन, बैंड-बाजे, घोड़ी कैटरर्स, शामियाना की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है।
देवउठनी एकादशी को इस बार तीन विशेष योग ने खास बनाया है। धार्मिक रूप से यह महत्वपूर्ण माना जाता है। हर्षण योग शिव योग और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का विशेष संयोग बनने से देवउठनी खास रही। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी पर श्रीहरि विष्णु जागते हैं। इस तिथि पर तुलसी और शालीग्राम का विवाह रचाया जाता है। शुभ मुहूर्त में श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने वालों को कृपा मिलती है। अंचल इलाकों में भी देव उठनी एकादशी छोटी दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शाम को घरों में दीप प्रज्वलित किए गए। तुलसी विवाह के बाद प्रसाद वितरण हुआ। बच्चों ने पटाखे जलाए और धूमधाम से यह पर्व मनाया गया।
देवउठनी पर 50 से 150 रुपए जोड़ी में बिके गन्ने देवउठनी एकादशी पर तुलसी और शालीग्राम का विवाह रचा कर विधि-विधान से पूजा अर्चना कर छोटी दिवाली धूमधाम से मनाई गई। तुलसी विवाह करने गन्ने का मंडप सजाने का नियम है। जिसके चलते आसपास के गांवों से लेकर कबीरधाम जिले से बड़ी संख्या में व्यापारी गन्ना बेचने शहर पहुंचे थे। महावीर चौक, गुरद्वारा रोड, जय स्तंभ चौक में गन्ने की दुकानें सजी थी। सुबह 100-150 और शाम को 50-56 रुपए जोड़ में गन्ना बिका। वहीं जय स्तंभ चौक में पूजन सामग्री की दुकानों में देर शाम तक जमकर बिक्री हुई है।