झूठे पंचनामा से आत्महत्या केस को दबाना चाह रही सरकार
छुरिया विकासखंड के अन्तर्गत ग्राम करेगांव में गत 15 दिसम्बर को गरीब आदिवासी युवक सुरेश नेताम पिता स्व . रमेशर नेताम उम्र 36 वर्ष जो कि मेरे पति है जो घर में आत्महत्या की , जिसका कारण धान के रकबे में की गई कटौती है । मेरे पति गरीब आदिवासी कृषक सुरेश नेताम रकबे में की गई कटौती को लेकर परेशान चल रहे थे , मेरे पति गरीब आदिवासी कृषक सुरेश नेताम का कुल 03 एकड़ 80 डिसमिल जमीन है , जिसमें धनहा 03 एकड़ 26 डिसमिल शेष 53 डिसमिल जमीन भरी है । परन्तु जो धनहा जमीन है उसे राजस्व अमला भरीं घोषित कर रहा है और भरी जमीन को धनहा घोषित कर दिया गया है और राजस्व अधिकारी / कर्मचारी मुझ गरीब पीड़ित महिला को बार – बार झूठ बोल रही हो करके दबाव बनाया जा रहा है । जिसमें क्षेत्र के विधायक छन्नी साहू , एस.डी.एम. व अधिकारी / कर्मचारी सहित कांग्रेस की पूरी दल – बल मुझे व मेरे परिवार को सात्वना देने के बजाय मानसिक रूप से दबाव बना रही है । मृतक की पत्नी मै गैंदकुंवर नेताम , मेरी तीन पुत्रियाँ तनुजा , सुधा , लोकिता मासूम बच्चे जब शासन – प्रशासन से मदद की उम्मीद थी , तब जिस ढंग से हमारे परिवार के साथ दबावपूर्वक व्यवहार किया गया वह निंदनीय है । वही लगातार राज्य सरकार व प्रशासन पीआरओ के माध्यम से समाचार जारी करवाकर मुझे झूठा साबित करने मे तुले हुये है , जबकि वास्तविक परिस्थिति बिल्कुल विपरीत है । जिस जमीन को भरी बताकर धान के रकबे को कम किया गया , वह हमारे परिवार के जमीन का एक छोटा सा हिस्सा है , भर्री जमीन को धनहा व धनहा जमीन को भरी बनाकर उच्च अधिकारी पंचनामा विडियोग्राफी कर शासन – प्रशासन दोनो को गुमराह कर रहे हैं , जबकि हम किसान परिवार को उत्तरप्रदेश की घटना की तरह मृत्यु हो दिया गरीब आदिवासी किसान मेरे पति की सहायता मुआवजा के रूप में जमीन का 03 एकड 25 डिसमिल का जाने पर 50,00,000 लाख रूपये आर्थिक जायें । गत वर्ष 2019-20 में हमारे पंजीयन था , वही हमने 44 क्विंटल धान बेचा था । राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ कर गलत जानकारी शासन – प्रशासन को दिया गया है । ऐसे अधिकारी कर्मचारी को तत्काल बर्खास्त किया जायें । क्योंकि कर्मचारियों के द्वारा वर्ष 2021-22 में पंजीयन 0.611 हेक्टेयर 01 एकड़ 50 डिसमिल दर्शाया व मेरे पति के आत्महत्या के पश्चात दिनांक 17 दिसम्बर को 02 एकड़ 30 डिसमिल का पंजीयन राजस्व रिकार्ड में छेडछाड किया गया । मेरे पति के नाम में 45,200 रुपये बैंक में कर्जा व अन्य साहूकारों से 50,000 की देनदारी भी है । धान बेचने के बाद सभी कर्जों से मुक्ति पायेंगे ऐसा सोचे थे , किन्तु हमारे रकबे को कम कर शासन – प्रशासन ने हमारी चिंता बढ़ा दी , जिसके कारण वे मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे । मेरी दो जमीन भरी है , जिसमें एक जमीन का रकबा 25 डिसमिल व दूसरी जमीन का रकबा 28 डिसमिल है , कुल 53 डिसमिल जमीन भरी है ।