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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : शासकीय उद्यान रोपणी में किसानों को मिल रहे टमाटर, बैंगन, पत्ता गोभी एवं फूल गोभी के पौधे

– प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट, जापानी पद्धति से अंकुरित पौधे किये जा रहे उपलब्ध
राजनांदगांव 24 दिसम्बर 2021। शासकीय उद्यान रोपणी पेंड्री में प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट, जापानी पद्धति से बड़ी संख्या में टमाटर, बैंगन, मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी बीज का अंकुरित कर पौधे किसानों को दिए जा रहे हैं। शासन के उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को अंकुरित पौधे उपलब्ध कराएं जा रहे है। पौधा उत्पादन का कार्य पहले आओ पहले पाओ प्रक्रिया के अनुसार किया जा रहा है। जिले के किसानों को इससे सहज ही उद्यानिकी फसलों के पौधे उपलब्ध हो रहे हंै। पौध उत्पादन के लिए कृषक को स्वयं का बीज उपलब्ध कराना होता है।

सहायक संचालक उद्यान श्री राजेश शर्मा ने बताया कि कृषक द्वारा प्रदाय किए गए बीज का अंकुरण प्रतिशत परीक्षण कर एक सप्ताह में कृषक को अवगत कराया जा रहा है। प्रति पौधे ट्रे उत्पादन शुल्क 80 रूपए लिया जाता है। कृषक को पौधे ट्रे में प्रदान किए जा रहे हैं।  शासकीय उद्यान रोपणी पेंड्री समृद्ध नर्सरी है। जहां फूल एवं सब्जियों के पौधों की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं।
गौरतलब है कि ऑटोमेटिक सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट के अंतर्गत सीडलिंग के लिए नारियल बुरादा, परलाईड, वर्मी कोलाईट का उपयोग किया जाता है। इसमें मृदा का उपयोग नहीं किया जाता। बीज का विकास मशीनरी स्वींग मेथड से होता है। प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट में टमाटर, बैंगन, पत्ता गोभी, फूल गोभी, खीरा, करेला, कद्दू, लौकी जैसी फसलों का सिडलिंग किया जाता है। प्रतिकूल मौसम में भी नर्सरी तैयार की जा सकती है। बीज का अंकुरण नियंत्रित वातावरण में होता है। अधिकतम संख्या में पौधे तैयार होते हैं। प्रति एकड़ बीज की मात्रा कम लगती है। तैयार की जाने वाली पौध नर्सरी स्वस्थ, एक समान एवं रोग रहित होती है। रोपण करने हेतु सही समय पर नर्सरी तैयार हो जाती है। प्रत्येक पौधे में निर्धारित आवश्यकतानुसार जड़ों का विकास होता है। उचित जड़ों के विकास के कारण खेत में ट्रांसप्लाटिंग टीपी उपरांत पौधों की जीवितता प्रतिशत अधिक होती है। अपेक्षाकृत कम अवधि में फलन प्रारंभ हो जाता है। सभी पौधों की एक समान वृद्धि होती है।
ग्रामीण विस्तार उद्यान अधिकारी श्रीमती श्वेता सिंह ने बताया कि टमाटर, मिर्च और बैंगन के बीज का अंकुरण 30 दिन में हो जाता है और किसानों को उसका वितरण किया जाता है। जबकि पत्ता गोभी के बीज का अंकुरण 40 से 45 दिन में होता है तथा लौकी, खीरा, कद्दू के बीज 15 दिन में अंकुरित होते हैं। बीजों को पहले सोविंग चेम्बर में रखने के बाद, सिडलिंग जर्मिनेशन चेम्बर में रखा जाता है। इसके बाद हार्डनिंग चेम्बर में रखते है।  सिडलिंग जर्मिनेशन चेम्बर में पूर्णत: ऑटोमेटिक चेम्बर है। जहां  बीज को 23 डिग्री सेल्सियस से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाता है तथा नमी एवं प्रकाश मात्रा को संतुलित बनाकर रखा जाता है। 7 से 10 दिनों के बाद अंकुरित पौधों को हार्डनिंग चेम्बर में रखते हैं, ताकि पौधे वातावरण के अनुरूप ढल सकें। प्लग टाईप सीडलिंग इकाई से विभिन्न प्रकार की फसलें तैयार की जा रही है। जिसमें सोलेनेसी फसलों के अंतर्गत टमाटर, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च एवं कु्रसीफेरस फसलों के अंतर्गत पत्ता गोभी, फुल गोभी, गांठ गोभी, ब्रोकली, लेट्यूस तथा कद्दू वर्गीय फसलों के अंतर्गत खीरा, लौकी, कुम्हड़ा, तरबूज, करेला की फसले शामिल हैं।

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