रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक मई से 18 साल की उम्र से अधिक लोगों को टीका लगना है, लेकिन टीका बनाने वाली कंपनी ने राज्य सरकार से साफ कह दिया है कि 15 मई से पहले वह आर्डर नहीं लेगी। पहले वह केंद्र सरकार से मिले आर्डर को पूरा करेगी। ऐसी स्थिति में क्या 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हो पाएगा?
सवाल उठता है कि जब टीके की व्यवस्था नहीं थी तो यह घोषणा ही क्यों की गई? पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से कहर बरपा रही है, उसे देखते हुए टीका लगवाने के लिए लोगों ने जागरूकता दिखाई है। युवा भी इस महामारी से प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए वे भी टीका लगवाना चाहते हैं।
मौजूदा टीकाकरण में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन पूरे देश में बेहतर है। यहां 45 से अधिक उम्र वालों के साथ ही फ्रंट लाइन वारियर्स समेत करीब 53 लाख से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। यह लक्ष्य का करीब 70 फीसद से अधिक है। यह बताता है कि टीकाकरण को लेकर छत्तीसगढ़ में कितना ज्यादा उत्साह है।
केंद्र सरकार ने एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को कोरोना का टीका (वैक्सीन) लगाने की अनुमति दी तो युवाओं को खुशी हुई। केंद्र सरकार की इस घोषणा से करीब पौने तीन करोड़ की आबादी वाले छत्तीसगढ़ में इस आयु वर्ग के करीब एक करोड़ 22 लाख युवाओं की भी उम्मीद बढ़ गई है, लेकिन वैक्सीन की कमी और समय पर आपूर्ति नहीं होने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है।
कंपनियों ने साफ कह दिया है कि 15 मई के बाद ही वे आर्डर लेंगी, ऐसे में आपूर्ति शुरू होने में करीब सप्ताह भर का और वक्त लग सकता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण 20 मई के बाद ही शुरू हो पाएगा।
ऐसे में अब तक वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी और अब टीका की आपूर्ति पर केंद्रित होती दिख रही है। छत्तीसगढ़ समेत सभी गैर भाजपा शासित राज्य इसको लेकर गोलबंद हो रहे हैं। देश के भविष्य को लेकर हो रही यह राजनीति ठीक नहीं है। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ जैसे युवा बहुल प्रदेश के लिए।
कायदे से इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। यह प्रदेश ही नहीं, देश के भी भविष्य का सवाल है। होना यह चाहिए कि केंद्र सरकार वैक्सीन आपूर्ति की पूरी व्यवस्था को अपने हाथ में ले और सभी राज्यों को उनकी आबादी के अनुपात में सप्लाई करे, इससे किसी राज्य को शिकायत नहीं होगी। राज्य सरकार को भी चाहिए कि इस मामले में बेवजह की राजनीति को बढ़ावा न दे।