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छत्तीसगढ़बिलासपुर जिला

प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला की आरक्षकों ने कराई डिलीवरी

रेलवे स्टेशन में महिला आरक्षकों ने प्रसव पीड़ा में तड़प रही प्रेग्नेंट महिला का न सिर्फ सुरक्षित प्रसव कराया बल्कि बच्चे के जन्म के बाद माँ और बच्चे को अस्पताल में भर्ती भी कराया।

बिलासपुर। वैसे तो हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सख्त रूप देखते आए है लेकिन कभी कभी अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए हमें उनका एक बेहद मानवीय चेहरा भी देखने को मिलता है। कुछ ऐसा ही हुआ बिलासपुर के गतौरा रेलवे स्टेशन में जहां गुरुवार रात महिला आरक्षकों ने प्रसव पीड़ा में तड़प रही प्रेग्नेंट महिला का न सिर्फ सुरक्षित प्रसव कराया बल्कि बच्चे के जन्म के बाद माँ और बच्चे को अस्पताल मर भर्ती भी कराया।

बिलासपुर रेलवे स्टेशन के रायगढ़ रूट का पहले स्टॉपेज गतौरा रेलवे स्टेशन है। यहां RPF के हेड कॉन्स्टेबल वीएन सेन गुरुवार रात करीब 11.30 बजे ड्यूटी पर थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि प्लेटफार्म में एक प्रेग्नेंट महिला दर्द से तड़प रही है। जानकारी मिलते ही उन्होंने महतारी एक्सप्रेस को कॉल किया। इसके साथ ही RPF पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी को सूचना दी।

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए RPF पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी ने मानवता दिखाते हुए शासकीय गाड़ी से तत्काल सब इंस्पेक्टर मनीष कुमार, महिला आरक्षक सोनिया साहु, नेहा, गजेन्द्र एवं शिवा को गतौरा भेजा। महिला आरक्षकों की टीम 11.55 बजे स्टेशन पहुंच गईं। इस दौरान उन्होंने स्टेशन के पास रहने वाली विमला नाम की महिला और उनकी बेटी सुमन से मदद मांगी। उनकी मदद से आरक्षक सोनिया और नेहा ने हिम्मत जुटा कर महिला का प्रसव कराया, जिसमें उन्हें सफलता भी मिल गई और महिला ने नवजात बच्ची को जन्म दिया

बताया जा रहा है की महिला उत्तरप्रदेश की रहने वाली है। वह बिलासपुर कब और कैसे पहुंची इसकी जानकारी फ़िलहाल नहीं मिल पाई है। इधर, RPF ने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि महिला का नाम फूलजहां (32) है। वह उत्तरप्रदेश के गोंडा जिला इतियाथोक की रहने वाली है।महिला के पास कोई रेलवे टिकट भी नहीं था। महिला के परिजनों की जानकारी जुटाई जा रही है।

RPF की टीम ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को देखकर पहले महतारी एक्सप्रेस को कॉल किया। इस बीच बिलासपुर से RPF की महिला आरक्षकों की टीम गतौरा पहुंच गई। लेकिन, महतारी एक्सप्रेस नहीं पहुंची थी। महिला की तकलीफ को देखते हुए महिला आरक्षकों ने उसकी डिलीवरी कराने का फैसला लिया। डिलीवरी होने के बाद महतारी एक्सप्रेस वहां पहुंची, तब महिला व उसके नवजात शिशु को इलाज के लिए CIMS में भर्ती कराया गया।

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