मध्य प्रदेश

नवाचारी ई-शासन-प्रशासन व्यवस्थाएँ स्थापित करने में आगे बढ़ा मप्र

मुख्यमंत्री चौहान के प्रोत्साहन से विभागों में हुए नवाचारी प्रयास
राष्ट्रीय स्तर पर मिली प्रशंसा
23 राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार मिले

भोपाल

आम नागरिकों की सहूलियत के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के नवाचारी उपयोग से ई-गवर्नेंस व्यवस्थाओं को लागू कर मध्यप्रदेश ने वर्ष 2007 से लेकर अब तक पर राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता के लिए 23 राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार जीते हैं। इन व्यवस्थाओं से लाखों नागरकों को लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नवाचारी आईटी-आधारित गवर्नेंस व्यवस्थाओं को मिले प्रोत्साहन के प्रेरित होकर कई विभागों ने नवाचारी व्यवस्थाएँ लागू की हैं, जिनसे विभिन्न विकास  योजनाओं और कार्यक्रमों के लक्षित हितग्राहियों को लाभ हुआ है।

इनमें से कई प्रयासों को अन्य राज्यों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में भी लागू करने योग्य मानते हुए उनकी सार्वभौमिक स्वीकार्यता के लिए प्रशंसा मिली है। वर्ष 2007 में एकीकृत कोषालय कंप्यूटरीकरण,  2008 में जबलपुर कलेक्ट्रेट में टेली-भुगतान,  2010 में वनवासियों के सर्वेक्षण की व्यवस्था और एमपी ऑनलाइन, समग्र पोर्टल, पंच परमेश्वर पोर्टल,  इंदौर 311 ऐप, पेंशन पोर्टल, ऑनलाइन सामाजिक सुरक्षा योजना प्रबंधन प्रणाली, एमपी श्रम सेवा पोर्टल, स्पर्श – दिव्यांगों की सहायता, पुनर्वास और दिव्यांगों को सशक्त बनाने की विशेष परियोजना, राज्य स्कूल शिक्षा पोर्टल, स्वचालित मीटरिंग सिस्टम  और फायर अलर्ट और संदेश देने जैसी पहल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा  मिली है।

हाल ही में, भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने जल- (सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा एक्जीबिशन) परियोजना के लिए सिल्वर पुरस्कार जीता । इसका उद्देश्य जल  उपचार संयंत्रों, पंप हाउसों, और स्टोरेज की मॉनिटरिंग, नियंत्रण और डेटा प्रबंधन की सही समय पर जानकारी देने की व्यवस्था बनाना है, जिससे पानी की आपूर्ति तय मापदंडों के साथ और प्रभावी ऊर्जा प्रबंधन के साथ हो सके। असामान्य स्थितियों पर ऑपरेटर्स को सतर्क करने की पूरी व्यवस्था की गई है ताकि खतरों की संभावना को कम किया जा सके। हार्डवेयर के साथ जोड़ते हुए पूरी संचालन व्यवस्था मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में बदल जाती है। भोपाल जिले की जनसंख्या को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही भोपाल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को भी तकनीकी सहायता मिल गई है।

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वर्ष 2021 में इंदौर-311 एप्लीकेशन जैसी पहल को देश भर में तारीफ मिली । इस एप्लीकेशन ने स्वच्छता में इंदौर को नंबर वन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंदौर-311 ऐप पर अपने समस्याओं को उठाने और संबंधित अधिकारियों को समाधान करने के लिए प्रेरित करने का सबसे आसान तरीका है। इंदौर-311 इंदौर के नागरिकों के लिए अपनी आवाज उठाने का मंच है। सिविल विभागों को समस्याओं की रिपोर्ट करने, विश्लेषण करने, प्रबंधन करने और समस्याओं को हल करने में इस पहल ने इंदौर को और ज्यादा बेहतर शहर बनाने में मदद की है। पारदर्शिता और  सहयोग की मिली-जुली पहल नागरिकों के लिए बेहतर व्यवस्था साबित हुई है। यह केवल एक शिकायत निवारण का प्लेटफ़ॉर्म मात्र नहीं है बल्कि इसका उपयोग जन्म, मृत्यु, विवाह प्रमाण-पत्र जैसी कई नागरिक सेवाएँ प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है।

वर्ष 2018 में, पंच परमेश्वर पोर्टल को गोल्ड पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी प्रकार तकनीक का उपयोग कर ई-गवर्नेंस में रचनात्मक तरीकों से खेलों की उत्कृष्टता के लिए खेल और युवा कल्याण निदेशालय द्वारा सिल्वर पुरस्कार प्राप्त किया गया।

भोपाल के गोद लेने संबंधी जानकारी की स्रोत एजेंसी द्वारा सूचना प्रौदयोगिकी के रचनात्मक हस्तक्षेप को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है। अनमोल देश की पहली राज्य स्तरीय ई-पहल है जिसका उद्देश्य विभिन्न विशेषज्ञ एडाप्शन एजेंसी (एसएए) में रह रहे बच्चों की मॉनिटरिंग के लिए है। अनमोल एक एकल सूचना केन्द्र है जो बच्चों की स्थिति, उन्हें अपनाने की प्रक्रिया, माता-पिता को अपनी प्रतीक्षा सूची की स्थिति की जानकारी देता है, बच्चों की आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्धता की जानकारी देता है और लिंग के आधार पर बच्चों की स्थिति पर निगरानी रखता है। इससे विशेष मामलों की मॉनिटरिंग संभव हो गई है।

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स्कूल शिक्षा पोर्टल एक समग्र पोर्टल है जो एक एकीकृत ई-गवर्नेंस व्यवस्था के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो स्कूल शिक्षा क्षेत्र के प्रदर्शन का आकलन करेगा। प्रक्रियात्मक, पारदर्शी और जवाबदेह गवर्नेंस देने, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को लागू करने में मददगार साबित हुआ है। पोर्टल ने सूचना संप्रेषण प्रौदयोगिकी का भरपूर उपयोग किया है। स्कूलों के मानव संसाधन एवं विदयार्थियों की उपस्थिति पर निगरानी  रखने और अन्य संसाधनों के प्रबंधन को सुधारने में यह मददगार सिद्ध हो रहा है। पोर्टल के माध्यम से सरकार के निर्देशों का तत्काल प्रसार होता है और पालन भी अविलम्ब होता है।

लोगों को प्रभावी ई-प्रशासन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ देने और आईटी के नवाचारी उपयोग को आगे बढ़ाने के लिए अन्य प्रयासों में मुख्य रूप से ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी की योजना के लिए जियोमेटिक्स आधारित  एकीकृत सूचना तंत्र एप्लीकेशन,  नागरिक सुविधा और शिकायतों के लिए टेली-समाधान कॉल सेंटर, जन मित्र समाधान केंद्र, ग्वालियर, ऑटोमेटेड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम, एसएमएस आधारित ट्रांसफार्मर जानकारी और प्रबंधन सिस्टम शामिल हैं।

 

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