सार
-दिल्ली विधानसभा बजट सत्र में उपमुख्यमंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21
-सकल राज्य घरेलू उत्पाद वित्तीय वर्ष 2020-21 में पिछले साल की तुलना में 3.92 प्रतिशत कम रहा
विस्तार
दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में बीते नौ साल में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 5.91 फीसदी कम होने का अनुमान है। जबकि राष्ट्रीय औसत से दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय तीन गुना ज्यादा है। उधर, इन वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में भी 3.92 फीसदी कमी आई है। दिल्ली विधान सभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में इन आंकड़ों का विस्तार से जिक्र किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 3,54,004 अनुमानित है। जबकि इससे एक साल पहले आंकड़ा 3,76,221 रुपये था। इस लिहाज से इसमें 5.91 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिलचस्प यह कि नौ सालों में पहली बार हुआ है, जब दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय कम हुई है। इससे पहले के सालों में इसमें 7.70 फीसदी से लेकर 11.12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखी गई थी।
दिल्लीवालों के लिए सहूलियत इस बात से है कि इस गिरावट के बावजूद दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से बहुत आगे है। चालू कीमतों पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,27,768 रहीं। जबकि दिल्ली का आंकड़ा 3,54,004 रुपये है। तुलनात्मक रूप से राष्ट्रीय औसत से दिल्ली की आय तीन गुना ज्यादा है।
अर्थव्यवस्था से जुड़े दूसरे कई आंकड़ों में भी नकारात्मक वृद्धि
दिल्ली का वित्तीय घाटा 2019-20 में 3227.79 करोड़ रुपये रहा। जबकि 2018-19 में यह 1489.38 करोड़ रुपये था। इस बीच वित्तीय घाटा .20 प्रतिशत से बढ़कर .39 प्रतिशत तक पहुंच गया। वहीं, जीएसडीपी में चालू कीमतों पर 2020-21 में पिछले साल की तुलना में 3.92 फीसदी और स्थिर कीमतों पर 5.68 फीसदी की कमी आई है। हालांकि, बीते छह सालों में जीएसडीपी 45 फीसदी बढ़ा है। 2015-16 के 5,50,804 करोड़ रुपये की से बढ़कर 2020-21 में 7,98,310 करोड़ रुपये हो गया है।
दूसरी तरफ दिल्ली ने अपना राजस्व आधिक्य बनाए रखा है। 2019-20 के दौरान यह आकड़ा 7,499 करोड़ रुपया था जबकि 2018-19 में 6,261 रुपये था। दूसरी तरफ ऋण और सकल राज्य घरेलू उत्पाद वित्तीय वर्ष 2011-12 के 8.61 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 4.15 प्रतिशत तक पहुंच गया है।